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Mayor in action: महापौर सुषमा खर्कवाल की ओर से मंगलवार को बुलाई गयी मीटिंग में जीआईएस सर्वे के माध्यम से भवनों का कर निर्धारण करने वाली कम्पनी के अधिकारी नहीं आए। नगर निगम के अधिकारियों ने फोन करके भी बुलाया। लेकिन कोई भी नहीं आया। महापौर ने कम्पनी को नोटिस जारी कर उसके खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया है। राजधानी में भवन स्वामियों के मकानों के जीआईएस सर्वे में निजी कम्पनी ने काफी गड़बड़ी की है। हजारों लोगों के मकानों का क्षेत्रफल गलत कर दिया है। इसकी वजह से लोगों के टैक्स ज्यादा हो गये हैं। मेयर का आरोप है कि कम्पनी के अधिकारी व कर्मचारी लोगों से वसूली भी कर रहे हैं।
मेयर ने आठ जनवरी को कम्पनी के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। अधिकारियों को दस्तावेजों के साथ मीटिंग में बुलाया गया था। नौ जनवरी की शाम को सात बजे बैठक बुलायी थी। मेयर व नगर निगम के अधिकारी मीटिंग रूम में पहुंच गये लेकिन जीआईएस सर्वे करने वाली कम्पनी यूनिकॉप, जियोइन्फोसिस के अधिकारी व प्रतिनिधि नहीं आए। मेयर ने बताया कि नवम्बर 2019 में क्षेत्रीय नगर एवं पर्यावरण अध्ययन केन्द्र, लखनऊ की ओर से नगर निगम में जीआईएस सर्वे हेतु मे. जियोइन्फोसिस टेक्नॉलाजीस की निविदा स्वीकृत की गयी। अनेक कारणों से विलम्ब किया। कंपनी की ओर से किए गये सर्वे कार्य की निरन्तर शिकायतें की जा रही हैं।
गृहकर में शिकायतों पर कराया जा रहा निस्तारण
नगर निगम लखनऊ में इस प्रकार की शिकायतें मिलने पर उनका निस्तारण कराया जा रहा है। पूर्व में कंपनी के साथ बैठक कर विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा करने पर पायी गयी कमियों को दूर करने व कार्या को समय पर पूर्ण करने के निर्देश भी दिये गए थे। लेकिन कम्पनी ने कमियों को सही नहीं कराया। मंगलवार को दोबारा बैठक बुलायी गयी थी पर कम्पनियों के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुये। महापौर ने इस पर नाराजगी जतायी है।