सरकार विरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में ईरानी हुकूमत ने एक बार फिर एक शख्स को सरेआम फांसी पर लटका दिया। अपनी मौत से पहले 23 वर्षीय इस शख्स का वीडियो सामने आया है। जिसमें उसने अपनी आखिरी इच्छा बताई। वायरल वीडियो में वह कह रहा है कि कोई भी उसकी मौत का शोक न मनाए। न ही उसकी कब्र के आगे कुरान की आयात पढ़े। इस शख्स को सुरक्षकर्मियों की हत्या और घायल करने का दोषी बताकर सरेआम फांसी दे दी गई।
ईरान के 23 वर्षीय मजीदरेजा रहनावरद नामक शख्स को सरेआम फांसी पर लटका दिया गया, क्योंकि हिजाब के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान यह उन लोगों में शामिल था जो सुरक्षा कर्मियों को घायल करने और उनकी हत्या के लिए जिम्मेदार था। हालांकि ईरान के सामाजिक संगठनों का आरोप है कि उससे जबरदस्ती यह कबूल करवाया गया। अभी तक विरोध प्रदर्शन के चलते दो लोगों को सरेआम फांसी लगाई जा चुकी है।
मजीदरेजा से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इसमें मरने से पहले उससे आखिरी इच्छा पूछी गई। दो नकाबपोश सुरक्षाकर्मियों के साथ मौजूद शख्स कहता है, “मैं नहीं चाहता कि कोई मेरी कब्र पर शोक मनाए। मैं नहीं चाहता कि वे कुरान पढ़ें या प्रार्थना करें। बस जश्न मनाएं और संगीत का जश्न मनाएं”। (लाइव हिन्दुस्तान इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)
क्यों मिली मौत की सजा
ईरानी न्यायपालिका की मिजान ऑनलाइन समाचार एजेंसी ने बताया कि मजीदरेजा रहनावरद को सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या करने और चार अन्य लोगों को घायल करने के लिए अदालत ने मौत की सजा सुनाई गई थी। समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार, ओस्लो स्थित समूह ईरान ह्यूमन राइट्स के निदेशक, महमूद अमीरी-मोघद्दाम ने कहा कि रहनावरद को “एक… शो ट्रायल के बाद जबरदस्ती जुर्म कबूल करवाया गया और फिर मौत की सजा सुनाई गई थी”।
एएफपी ने उनके हवाले से कहा, “गिरफ्तारी के 23 दिन बाद एक युवा प्रदर्शनकारी की सार्वजनिक फांसी, इस्लामी गणराज्य के नेताओं द्वारा किया गया एक और गंभीर अपराध है।”
गौरतलब है कि ईरान की सड़कें महिलाओं के हिजाब पहनने की अनिवार्यता को लेकर पिछले कुछ महीनों से जल रही हैं। इस विरोध प्रदर्शन की शुरुआत 22 वर्षीय महसा अमिनी नाम की एक महिला की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद हुई। महसा के माता-पिता ने आरोप लगाया था कि हिजाब न पहनने पर उसे गिरफ्तार किया गया और टॉर्चर करके मौत के घाट उतारा गया। इस विरोध प्रदर्शन में अब तक सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है।