Home Health मोटे हो या पतले, पटना के सरकारी अस्पताल IGIMS में अब सर्जरी से ठीक होगा डायबिटीज, BP भी होगा कंट्रोल

मोटे हो या पतले, पटना के सरकारी अस्पताल IGIMS में अब सर्जरी से ठीक होगा डायबिटीज, BP भी होगा कंट्रोल

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पटना. शुगर, बीपी और थायरॉयड से परेशान मरीजों को अब बड़ी राहत मिली है. अब मरीजों को दवाइयों के बोझ से राहत मिलेगी. सर्जरी से ही इन बीमारियों का परमानेंट इलाज संभव हो गया है. इसके लिए मरीजों को किसी दूसरे प्रदेशों में जाने की जरूरत नहीं है. बिहार की राजधानी पटना में ही यह सुविधा शुरू हो गई है. वो भी सरकारी अस्पताल में. जी हां, अब पटना के आईजीआईएमएस में डायबिटीज का इलाज सर्जरी के जरिए संभव है.

इस बारे में जानकारी देते हुए आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने लोकल 18 को बताया कि पहले सिर्फ मोटे मरीजों में ही सर्जरी के जरिए शुगर को कंट्रोल किया जाता था लेकिन अब पतले लोगों का भी सर्जरी के जरिए शुगर, बीपी और थायरॉयड को कंट्रोल किया जा सकता है.

ऐसे हो पाएगा संभव 
आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि मेटाबोलिक डिसऑर्डर के कारण डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और थायरॉयड जैसी बीमारियां केवल मोटे नहीं, पतले लोगों को भी अपनी चपेट में ले लेती हैं. उन्होंने कहा,  “अब हम मेटाबोलिक सर्जरी के जरिए पतले डायबिटिक मरीजों का भी इलाज कर सकते हैं. ट्रायल के रूप में किए गए कुछ मामलों में यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही है और मरीजों की डायबिटीज तीन महीने में ही सामान्य हो गई है.”

बेरियाट्रिक सर्जरी है उपाय
आईजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने कहा, “यह मेटाबॉलिक डिसऑर्डर होता है. वैसे लोग जो मोटे होते हैं उनमें बीपी, शुगर और थायरॉयड का लेवल बढ़ जाता है. इस वजह से दवाइयां भी बढ़ जाती थी. बेरियाट्रिक सर्जरी की वजह से ऐसे लोगों का मोटापा भी घटेगा. साथ ही दवाओं का डोज भी कम हो जाता है. लोग मोटे से पतले दिखने लगते हैं. बीपी, शुगर और थायरॉयड सब स्थिर हो जाता है.”

उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा पतले लोगों की बात करें तो इसमें भी मेटाबॉलिज्म बड़ा फैक्टर होता है. इसको भी ऑपरेशन के जरिए ठीक किया जाता है. इससे शुगर, बीपी और थायरॉयड को कंट्रोल किया जाता है.”

कई बीमारियों में मिलेगी राहत 
मेटाबोलिक सर्जरी के बाद मरीजों को थायरॉयड, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, घुटने और जोड़ों के दर्द में काफी राहत मिलती है. यह सर्जरी अब तक केवल दिल्ली एम्स, पीजीआई लखनऊ और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे बड़े संस्थानों में उपलब्ध थी, लेकिन अब बिहार के मरीजों को भी आईजीआईएमएस में यह सुविधा मिलने लगी है.



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