Home Health मोतियाबिंद हो या आंखों की सर्जरी, बिहार में इस खास मशीन से होगा इलाज

मोतियाबिंद हो या आंखों की सर्जरी, बिहार में इस खास मशीन से होगा इलाज

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सच्चिदानंद/पटना:- जटिल मोतियाबिंद हो, चोट लगी हो या फिर लेंस हिल गया हो, आंख से जुड़ी हर सर्जरी अब सस्ते में होने वाली है, क्योंकि बिहार में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल में एक खास मशीन से सर्जरी होने वाली है. राजधानी के आईजीआईएमएस में आधुनिक फेमटो लेजर मशीन की व्यवस्था मिलने वाली है. इससे आंख से जुड़ी जटिल से भी जटिल सर्जरी करना आसान हो जाएगा. इसके साथ ही इस मशीन के जरिए आंखों से चश्मा उतारने के लिए लेसिक स्लैब भी बनाया जाएगा, जो फिलहाल मैनुअली तैयार किया जाता है.  इस मशीन से गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती है.

देने होगें इतने रुपए
आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि प्राइवेट अस्पताल में इस मशीन से मोतियाबिंद की सर्जरी कराने पर मरीजों को 1.25 लाख से 1.5 लाख रुपए खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन आईजीआईएमएस में महज 50 हजार रुपए में ही सर्जरी हो जाएगी. इससे मरीज के परिवारवालों पर आर्थिक बोझ कम होगा. साथ ही सर्जरी भी सटीक होगी. जटिल के साथ-साथ साधारण मोतियाबिंद की सर्जरी भी फेमटो से होगी. मशीन मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इसकी सुविधा इसी साल मई के अंत या जून के पहले सप्ताह से मिलने लगेगी.

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क्या है ओपीडी का हाल
मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल ने आगे बताया कि अभी संस्थान में हर साल आंख से सम्बंधित करीब 7000 गंभीर सर्जरी को सफल अंजाम दिया जा रहा है. जबकि ओपीडी में प्रतिदिन 350 से 450 मरीज आ रहे हैं. चिकित्सकीय सुविधा निःशुल्क होने पर मरीजों की संख्या दोगुनी होने की संभावना है. अभी यहां आंख से चश्मा उतारने के लिए एक आंख की लेसिक सर्जरी करने का खर्च 9000 रुपए है, जबकि प्राइवेट अस्पताल में तकरीबन 30 हजार रुपए लगते हैं. इसके साथ ही इस अस्पताल में दवाईयां भी फ्री में मिलती हैं.

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