Friday, July 19, 2024
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मोदी का करिश्मा, इस मामले में अमेरिका-यूरोप से भी आगे निकला भारत


कई देश कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की नई जनरेशन के तौर पर तेजी से 5G नेटवर्क को तैयार कर रहे हैं, क्योंकि इसकी तेज स्पीड और लो लेटेंसी के फायदे हैं। हम सभी जानते हैं कि भारत ने सबसे पहले 5जी की शुरुआत नहीं की थी। कोई यह भी तर्क दे सकता है कि भारत ने ऐसा कुछ धीरे-धीरे किया। फिर भी भारत का फास्ट 5G डेवलपमेंट तारीफ के काबिल है। CNMO, एरिक्सन ग्लोबल के सीईओ, बोरजे एखोल्म के अनुसार, 2023 के आखिर तक भारत 5G प्रसार के मामले में सबसे आगे होगा। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनका मतलब 5जी के प्रसार की स्पीड से था न कि जल्दी लॉन्च से।

एखोल्म ने एक इंटरव्यू में भारत की 5G रोलआउट स्पीड की तारीफ की। उनका यह भी दावा है कि भारत में बड़े स्तर पर टॉप सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। उनके लिए भारत एक बड़ा बाजार है। उन्होंने कहा कि हम पहले से ही भारत में 25 हजार लोगों को रोजगार देते हैं और हम अपने रिसर्च और डेवलपमेंट सॉफ्टवेयर समेत अन्य कार्यों को आगे बढ़ाने का प्लान बना रहे हैं।

भारत में 5जी नेटवर्क का तेजी से विस्तार
हाई-स्पीड 5जी सर्विस भारत में सिर्फ अक्टूबर 2022 से टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर द्वारा उपलब्ध कराई गई थीं। इससे पहले अगस्त 2022 में सरकार ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को पत्र भेजे थे। इन पत्रों में उन्हें भारत में 5जी सर्विस की शुरुआत के लिए तैयार होने को कहा गया था। इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए 5G स्पेक्ट्रम नीलामी से मिलने वाली बोलियों की राशि आश्चर्यजनक है।

एखोल्म चीन और भारत जैसे देशों में 5G की ग्रोथ का सपोर्ट करता रहा है। इसके अलावा उन्होंने पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा है कि 5G नेटवर्क के इंफ्रास्ट्रकर के निर्माण के मामले में भारत अमेरिका और यूरोप से बेहतर है, जिसने देश के घरेलू आईटी क्षेत्र के विकास का रास्ता साफ करने में मदद की है। एखोल्म के अनुसार, 5जी टेक्नोलॉजी का सपोर्ट करने वाले डिवाइसेज का ग्लोबल रोलआउट अभी भी अपने शुरुआती फेज में है। उनका दावा है कि चीन लीड कर रहा है और यूएसए यूरोप के मुकाबले में ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है।



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