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प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के फैक्ट चेक विंग ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कई केंद्रीय मंत्रियों, भारत के मुख्य न्यायाधीश और भारत के चुनाव आयोग को निशाना बनाते हुए गलत सूचना प्रसारित करने वाले कई YouTube चैनलों पर एक्शन लिया है। इन चैनलों के लाखों में व्यूज थे। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की ‘फैक्ट चेक’ इकाई ने कहा कि ये छह चैनल समन्वित तरीके से काम कर रहे थे और झूठी सूचना फैला रहे थे और उनके वीडियो को 51 करोड़ से अधिक बार देखा गया था।
बयान में कहा गया है कि यूट्यूब चैनल चुनाव, उच्चतम न्यायालय और संसद की कार्यवाही और सरकार के कामकाज के बारे में फर्जी खबरें फैलाते पाये गए। बयान में कहा गया है इन चैनल में – 5.57 लाख से अधिक सब्सक्राइबर वाला नेशन टीवी, 10.9 लाख सब्सक्राइबर वाला संवाद टीवी, सरोकार भारत (21,100), नेशन24 (25,400), स्वर्णिम भारत (6,070) और संवाद समाचार (3.48 लाख सब्सक्राइबर) शामिल हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पीआईबी की ‘फैक्ट चेक’ इकाई द्वारा ‘‘पर्दाफाश’’ किए जाने के बाद, संवाद समाचार, संवाद टीवी और नेशन टीवी ने अपने नाम बदल कर क्रमशः इनसाइड इंडिया, इनसाइड भारत और नेशन वीकली कर लिए। उपरोक्त चैनलों के वीडियो में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर प्रतिबंध के बारे में झूठे दावे और राष्ट्रपति एवं भारत के प्रधान न्यायाधीश सहित वरिष्ठ संवैधानिक पदाधिकारियों के झूठे बयान शामिल थे।
यूट्यूब पर भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वाले यूट्यूब चैनलों पर प्रकाश डालते हुए पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्विटर पर एक बयान में कहा, “5.50 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स और 21 करोड़ से अधिक व्यूज वाला एक यूट्यूब चैनल ‘नेशन टीवी’ राष्ट्रपति, केंद्रीय मंत्रियों और भारत के चुनाव आयोग के बारे में फर्जी खबरें फैलाता पाया गया।”
पीआईबी फैक्ट चेक ने 3 सितंबर, 2022 को नेशन टीवी पर अपलोड किए गए एक वीडियो का उदाहरण दिया, जिसे आठ हजार से अधिक बार देखा जा चुका है। इस वीडियो में एक झूठा दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। एक अन्य वीडियो, जिसे 3.7 हजार से अधिक बार देखा जा चुका है, उसमें झूठा आरोप लगाया गया है कि बढ़ती कीमतों पर कथित आक्रोश के कारण भीड़ द्वारा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर हमला किया गया था।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक बयान में कहा, “लगभग 3.5 लाख सब्सक्राइबर्स और 12 करोड़ से अधिक व्यूज वाला यूट्यूब चैनल ‘संवाद समाचार’ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विभिन्न कैबिनेट मंत्रियों और भारत के मुख्य न्यायाधीश के बारे में फर्जी खबरें फैलाता पाया गया है।” चैनल ‘संवाद समाचार’ ने 23 दिसंबर, 2022 और 4 जनवरी, 2023 को ऐसे ही वीडियो अपलोड किए, जिन्हें सामूहिक रूप से 6 लाख से अधिक बार देखा गया, जहां यह आरोप लगाया गया कि राष्ट्रपति मुर्मू ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ “देश को लूटने” का आरोप लगाते हुए टिप्पणी की।”
बयान में कहा गया है, ‘‘फर्जी समाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं जो फर्जी समाचारों से मिलने वाली कमाई पर चलते हैं।’’ इसमें कहा गया कि चैनल फर्जी, क्लिकबेट और सनसनीखेज थंबनेल और टीवी चैनलों के समाचार एंकर की तस्वीरों का उपयोग दर्शकों को यह विश्वास दिलाने के लिए करते हैं कि उक्त समाचार प्रामाणिक है। इसमें कहा गया है कि ऐसा करके ये चैनल यह प्रयास करते हैं कि उनके द्वारा जारी वीडियो को अधिक से अधिक लोग देखें जिससे उन्हें धन अर्जित हो सके।
यह पीआईबी की ‘फैक्ट चेक’ इकाई की ओर से इस तरह की दूसरी कार्रवाई है। पिछले महीने, इकाई ने फर्जी खबरें फैलाने वाले तीन चैनलों का पर्दाफाश किया था और उन्हें प्रतिबंधित करने के लिए यूट्यूब को पत्र लिखा था।
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