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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कर्नाटक सरकार द्वारा वीडी सावरकर से जुड़े चैप्टर को पाठ्यपुस्तक पर हटाए जाने को गलत बताया था। अब कांग्रेस ने भी उनपर पलटवार किया है और कहा है कि वह आरएसएस को खुश करने की कोशिश में लगे हुए हैं क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह उन्हें पसंद नहीं करते हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि उन्हें लगता है कि छात्रों को महात्मा गांधी के विचारों को पढ़ाना चाहिए ना कि उनकी हत्या करने वालों के।
वल्लभ ने कहा, हमें लगता है कि कर्नाटक के छात्रों को बीआर आंबेडकर, पंडित जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी के बारे में पढ़ाना चाहिए। ना कि केबी हेडगेवार और वीरसावरकर की विचारधारा को। उन्होंने कहा कि गडकरी भी जानते हैं कि हेडगेवार और सावरकर की विचारधारा भारत की नहीं है फिर भी वह आरएसएस को खुश करने का प्रयास कर रहे हैं।
गडकरी ने शनिवार को कहा था कि वीर सावरकर एक सुधारक और देशभक्त थे। आरएसएस के संस्थापक केबी हेडगेवार और सावरकर का चैप्टर पाठ्यपुस्तकों से हटाया जाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सावरक और उनके परिवार को अपमान किया जाता है जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा, सावरकर का मत था कि हिंदू धर्म समावेशी है और इसमें जातिवाद और संप्रदायवाद की जगह नहीं है। उन्होंने कहा था कि सावरकर समाज सुधारक थे और हम लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
गडकरी ने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा था कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि सावरकर का चैप्टर सिलेबस से हटा दिया गया और इससे ज्यादा तकलीफदेह कुछ भी नहीं है। बता दें कि कर्नाटक सरकार ने हाल ही में स्कूल पाठ्यक्रम से हेडगेवार और सावरकर के चैप्टर हटाने का फैसला किया है।