
[ad_1]
हाइलाइट्स
पीएम मोदी की सरकार के केवल एक समुदाय या धर्म के हितों को बढ़ावा देने का कोई सबूत नहीं.
एक रिपोर्ट में कहा है कि कुछ मामलों में तो अल्पसंख्यक समुदाय को अधिक लाभ मिला.
इस रिपोर्ट में बिजली, बैंक खातों, मोबाइल और शौचालयों में लाभ के आंकड़ों की जांच की गई.
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के एक सरकारी अध्ययन में कहा गया है कि नरेंद्र मोदी सरकार के 2015-16 से 2019-21 तक केवल एक समुदाय या धर्म के हितों को बढ़ावा देने का कोई सबूत नहीं है. इस रिपोर्ट में कहा है कि कुछ मामलों में तो अल्पसंख्यक समुदाय को बहुसंख्यकों से अधिक लाभ मिला है. ‘ए सेक्युलर डेमोक्रेसी इन प्रैक्टिस: ऑब्जेक्टिव एसेसमेंट ऑफ एमेनिटीज प्रोग्राम्स इन इंडिया’ शीर्षक से पीएम की ईएसी की मेंबर और इकोनॉमिस्ट शमिका रवि द्वारा किए गए अध्ययन में बिजली, बैंक खातों, मोबाइल और शौचालयों में लाभ के आंकड़ों की जांच की गई है. विपक्षी दलों के विपक्षी दलों ‘लोकतंत्र के कमजोर होने’ जैसे आरोपों खारिज करने के लिए उस डेटा का हवाला दिया गया है.
इस रिपोर्ट में कहा गया कि ‘सरकार के एक समुदाय विशेष के लिए काम करने का कोई सबूत नहीं मिला’ है. धर्मों, सामाजिक समूहों और भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर सुविधाओं के प्रावधान में बदलाव की मात्रा को तय करके यह पेपर उन आरोपों को चुनौती देता है कि 2014 से भारत में लोकतंत्र का पतन हो रहा है. इसके विपरीत अध्ययन के नतीजे संकेत देते हैं कि धर्म, जाति या निवास स्थान के अंतर के बावजूद समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाएं हैं. जो भारत में लोकतंत्र को मजबूत करने का एक वैकल्पिक और अधिक मजबूत संकेत है.
12 लाख से अधिक परिवारों के सैंपल की जांच
इस अध्ययन ने 2015-16 और 2019-21 के दौरान पूरे देश में 12 लाख से अधिक परिवारों के सैंपल को देखा. अध्ययन में कहा गया है कि ‘हमें ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है कि सरकार ने केवल एक समुदाय (हिंदू बहुसंख्यक) को लाभ दिया या उन जिलों के आधार पर घरों में भेदभाव किया जहां एक धार्मिक समुदाय का प्रभुत्व था. बिजली, बैंक खाते, मोबाइल और शौचालय तक पहुंच के संबंध में लाभ सभी धर्मों और सामाजिक समूहों में बड़े पैमाने पर मिले थे. वास्तव में कुछ मामलों में अल्पसंख्यकों ने बहुसंख्यकों से अधिक लाभ हासिल किया है.’
Opinion: गरीबी से लड़ने का कारगर हथियार है, मोदी सरकार की मुफ्त राशन योजना
मुख्य निष्कर्ष
अध्ययन में कहा गया है कि 2015-16 में देश के सबसे गरीब 20 फीसदी घरों में से 53 प्रतिशत तक बिजली की पहुंच थी, जो 2019-21 में बढ़कर 85 फीसदी हो गई. रिपोर्ट में कहा गया कि ‘भले ही सभी धार्मिक समूहों में महत्वपूर्ण लाभ देखा गया है, मगर टारगेट हासिल करने में सबसे अधिक सुधार सबसे गरीब 20% मुस्लिम परिवारों के लिए 71% था. जब हम सामाजिक समूहों की बिजली की पहुंच में सुधार के आंकड़े देखते हैं, तो हम सभी सामाजिक समूहों में 60% से अधिक की उपलब्धि का लक्ष्य देखते हैं. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 2015-16 में सबसे गरीब 20% परिवारों में से 74% के पास बैंक खाते थे, जो 2019-21 में बढ़कर 93% हो गए. टारगेट अचीवमेंट उपलब्धि कुल मिलाकर 73% था. लगभग 77% के टारगेट अचीवमेंट के साथ सभी धर्मों में सबसे बड़ा लाभ मुस्लिम समुदाय को हासिल हुआ था. विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए टारगेट अचीवमेंट ओबीसी में सबसे अधिक 75% और एससी और एसटी के लिए 70% से अधिक था. अध्ययन में यह भी कहा गया है कि 2015-16 में सबसे गरीब 20% परिवारों में से केवल 12% के पास शौचालय की सुविधा थी. यह 2019-21 में बढ़कर 48% हो गया. जिसमें 41% की उपलब्धि का लक्ष्य हासिल हुआ था. धार्मिक समूहों में सबसे महत्वपूर्ण टारगेट अचीवमेंट 50% से अधिक सिखों और मुसलमानों में पाया गया था.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|
Tags: Minority community, Muslim, Pm narendra modi, PM Narendra Modi News
FIRST PUBLISHED : April 21, 2023, 09:30 IST
[ad_2]
Source link