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हाइलाइट्स
मौनी अमावस्या तिथि 9 फरवरी को सुबह 08:02 एएम से शुरू हो रही है.
मौनी अमावस्या पर पितरों के लिए तर्पण, स्नान और दान सुबह 08:02 एएम से करें.
मौनी अमावस्या का पावन पर्व स्नान और दान के लिए अति शुभ माना जाता है. मौनी अमावस्या के अवसर पर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, दान, श्राद्ध आदि करना भी अच्छा होता है. ऐसा करने से नाराज पितर खुश होते हैं, जिससे पितृ दोष दूर हो सकता है. मौनी अमावस्या के दिन आपको स्नान के तुरंत बाद पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए. हालांकि इस बार मौनी अमावस्या की तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है क्योंकि मौनी अमावस्या के लिए माघ अमावस्या तिथि सूर्योदय के बाद शुरू हो रही है और अगले दिन सूर्योदय से पूर्व खत्म हो जा रही है. ऐसे में मौनी अमावस्या 9 फरवरी को है या 10 फरवरी को? इसके बारे में लोगों में असमंजस की स्थिति है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि मौनी अमावस्या की सही तारीख क्या है? मौनी अमावस्या पर नाराज पितरों को कैसे खुश कर सकते हैं?
मौनी अमावस्या कब, 9 फरवरी या 10 को?
यदि हम पंचांग देखते हैं तो मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सुबह 08:02 एएम से शुरू होकर 10 फरवरी को प्रात: 04:28 एएम पर खत्म हो जा रही है. किसी भी व्रत, पर्व या त्योहार के लिए सूर्योदय के समय होने वाली तिथि की गणना करते हैं. अब मौनी अमावस्या की तिथि 9 फरवरी को सूर्योदय बाद प्राप्त हो रही है और 10 फरवरी को सूर्योदय से पूर्व खत्म हो जा रही है.
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इस दिन है मौनी अमावस्या
ऐसी स्थिति में मौनी अमावस्या का पावन पर्व 9 फरवरी को ही मनाना उचित है क्योंकि पूरे दिन मौनी अमावस्या की तिथि प्राप्त हो रही है. 10 फरवरी को सूर्योदय के समय माघ शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्राप्त हो रही है और 9 फरवरी को सूर्योदय के समय माघ शिवरात्रि तिथि होगी.
मौनी अमावस्या पर स्नान-दान और तर्पण का समय
मौनी अमावस्या के अवसर पर आप अपने पितरों के लिए तर्पण, स्नान और दान सुबह 08:02 एएम से करें तो अच्छा है क्योंकि उस समय से ही माघ कृष्ण अमावस्या तिथि लग रही है. हालांकि आप उस दिन ब्रह्म मुहूर्त में यानी सुबह 05:21 एएम से भी स्नान करते हैं तो आपको माघ शिवरात्रि स्नान का पुण्य लाभ प्राप्त होगा.
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मौनी अमावस्या पर कब करें श्राद्ध?
जिन लोगों को मौनी अमावस्या पर अपने पितरों के लिए श्राद्ध, पिंडदान, ब्राह्मण भोज, दान आदि का कार्यक्रम करना है, वे लोग दिन में 11 बजे के बाद से कार्य प्रारंभ कर सकते हैं. उस दिन आपको दोपहर 02:30 बजे तक ये कार्य पूर्ण कर लेना चाहिए.
सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या
मौनी अमावस्या वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग 07:05 एएम से रात 11:29 पीएम तक है. इस योग में आपके किए गए कार्य सफल सिद्ध होंगे.
मौनी अमावस्या पर नाराज पितरों को खुश करने के उपाय
मौनी अमावस्या वाले दिन आप अमावस्या तिथि में स्नान के बाद पितरों के लिए तर्पण करें. उसके बाद पितरों के देवता अर्यमा की विधि विधान से पूजा करें. आपको इस दिन पितृ सूक्तम का पाठ करना चाहिए. इससे भी पितर प्रसन्न होते हैं. जिन लोगों को पितृ दोष है और वे इससे मुक्ति चाहते हैं तो वे त्रिपिंडी श्राद्ध कराएं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion 18
FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 08:32 IST
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