दुनियाभर में कई ऐसी विचित्र बातें होती हैं, जिनके बारे में जानकर कोई भी हैरान हो सकता है. एक ओर जहां हमारे देश में गाय को मां का दर्जा दिया गया है, वहीं दूसरी ओर कई लोग गोमांस खाते हैं. हम जहां गाय की पूजा करते हैं, तो कई जगह लोग उम्र बढ़ाने के नाम पर उसकी बॉडी के साथ खिलवाड़ करते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक घटना के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर चौंक जाएंगे. गायों के पेट में एक बड़ा सा होल करने का वीडियो और तस्वीरें सोशल साइट पर ज्यादातर लोगों ने देखी होंगी. उसमें प्लास्टिक का ढक्कन भी लगा रहता है. लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है, क्या इसकी वजह जानते हैं?
अगर नहीं जानते होंगे तो बता दें कि ऐसी कई गायों का वीडियो यूट्यूब सहित कई सोशल साइट्स पर तेजी से वायरल हुए थे. आए दिन ये आपको देखने को भी मिलते होंगे. लेकिन इस वीडियो को पूरी तरह देखने की हिम्मत कमजोर दिल वाले नहीं जुटा पाएंगे. इसके वीडियो और तस्वीरें अमेरिका और न्यूजीलैंड की हैं, जहां पर गाय की उम्र बढ़ाने को लेकर उसके शरीर में बड़ा सा छेद (Big Hole Inside Cow Stomach) कर दिया जाता है. उसके जरिए गाय के शरीर के अंदर पनप रही बीमारियों को सही तरीके से जांचने का दावा किया जाता है. डेयरी उद्योग से जुड़े जानकार बताते हैं कि इससे गायों की बीमारी से होने वाली असामयिक मौत के मामलों में भी काफी कमी आई है. हालांकि, इसका आधिकारिक आंकड़ा मौजूद नहीं है.
पीपल फॉर इथीकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा) यूं तो जानवरों के साथ अत्याचार के खिलाफ मुहिम चलाता है, लेकिन इस बारे में उसने अपनी वेबसाइट पर विस्तार से बताया है. उसके मुताबिक गाय के शरीर में बनाया जाने वाला यह बड़ा छेद फिस्टुला (fistula) कहलाता है. वहीं शरीर के जिस हिस्से में यह बड़ा छेद बनाया जाता है उसे रूमेन (Rumen) कहते हैं. इसकी वजह से वेटनरी डॉक्टर बड़े आराम से गाय के पेट की सफाई कर देते हैं और पनप रही बीमारियों की जांच कर लेते हैं. इतना ही नहीं, इससे गाय स्वस्थ रहती है और ज्यादा दूध करती है.
सर्जरी के बाद असहज रहती हैं गाय
आम इंसानों की तरह जब गाय के शरीर में बड़ा छेद किया जाता है, तो इस सर्जरी के लगभग डेढ़ महीने तक गाय असहज रहती है. हालांकि, गाय को इसकी वजह से कोई नुकसान न हो, उसके लिए वेटनरी सर्जन हमेशा नजर बनाए रखते हैं. सर्जरी होने के बाद गाय के शरीर में प्लास्टिक का रिंग डाल दिया जाता है. उस रिंग को बाद में ढक्कन से कवर कर दिया जाता है. ऐसे में जब कभी गाय बीमार होती है, तब डॉक्टर उसके पेट में सीधे दवाई डाल देते हैं. इसके जरिए गाय के पेट के अंदर की गंदगी भी साफ कर दिया जाता है, जो वो खा जाती है.
विरोध में कई ऑर्गनाइजेशन
एक ओर जहां इस प्रक्रिया के बारे में पेटा ने अपनी वेबसाइट पर विस्तार से बताया है, तो दूसरी ओर कई दूसरे संगठन गाय के साथ होने वाली इस प्रक्रिया का विरोध करते हैं. इन संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि अपने फायदे के लिए इन जानवरों को प्रयोग का जरिया बनाना बिल्कुल गलत है. फेडरल एनिमल वेलफेयर एक्ट ही एकमात्र जरिया है, जिसके जरिए ऐसे क्रूर एक्सपेरिमेंट को रोका जा सकता है. लेकिन अमेरिका में खेती-बारी के आने वाले जानवरों पर ये वेलफेयर एक्ट लागू नहीं हो सकता और गाय को खेती-बारी में उपयोग किया जाने वाला पशु माना जाता है. हालांकि, आलोचकों की नजर में ये गायों के साथ क्रूरता है और इसे रोकने की मांग लगातार की जाती रही है. हालांकि, ये प्रैक्टिस स्विट्जरलैंड में सन् 1833 से ही चली आ रही है.
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FIRST PUBLISHED : March 01, 2023, 13:53 IST