Home Life Style यहां सिर्फ 20 दिन बनती है ये स्पेशल मिठाई, 2 महीने तक नहीं होती खराब! स्वाद भी लाजवाब

यहां सिर्फ 20 दिन बनती है ये स्पेशल मिठाई, 2 महीने तक नहीं होती खराब! स्वाद भी लाजवाब

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यहां सिर्फ 20 दिन बनती है ये स्पेशल मिठाई, 2 महीने तक नहीं होती खराब! स्वाद भी लाजवाब

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पीयूष पाठक/अलवर. वैसे तो अलवर की मिठाइयों का कोई जवाब नहीं है. हर किसी की जुबान पर अलवर की मिठास छाई रहती है. इन दिनों अलवर शहर सहित जिले भर के लोगों की जुबान पर एक ऐसी मिठाई का स्वाद छाया हुआ है जो मात्र 20 दिन के लिए अलवर के बाजारों में दिखाई देती है. इस खास मिठाई की करीब 5-6 दुकाने जगन्नाथ मेले में लगती है. मेले में आने वाले जिले भर के बाशिंदे के अलावा दूर-दूर से आने वाले लोग इस मिठाई का आनंद उठाते हैं.

दुकानदार बताते हैं कि इस मिठाई का नाम खजला है. इस मिठाई की एक खासियत यह भी है कि ये 2 महीनों तक खराब नहीं होती है. जितनी यह पुरानी होगी उतना ही इसका स्वाद लोगों को आता है. खजला मिठाई मात्र 20 दिन ही अलवर में मिलती है. खजला की दुकान लगाने वाले दुकानदार उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आते हैं. जगन्नाथ मेले में खजले की दुकान लगाने आए अजय कुमार ने कहा,  ‘हम करीब 60 सालों से जगन्नाथ मेले में दुकान लगा रहे हैं. पहले मेरे दादा जी और पिताजी यहां पर दुकान लगाते थे. पिताजी के साथ मैं आता था और आज करीब मुझे मेले में दुकान लगाते हुए 25 साल हो गए हैं’.

दुकानदार अजय ने आगे कहा, ‘हम लोग उत्तर प्रदेश के मथुरा से आए हैं. इस मिठाई का नाम खजला है जो कि अलवर में बहुत प्रसिद्ध है. मेले में आने वाले व्यक्ति इस मिठाई को खरीद कर अपने घर ले जाते हैं. जगन्नाथ मेले में खजले की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. हमारा खजला बनाने का पुश्तैनी काम है.अजय ने बताया कि वे अलवर के जगन्नाथ मेले के अलावा अलीगढ़, बुलंदशहर, झील का मेला, सोरुजी भी जाते हैं’. अजय के मुताबिक यह करीब 10 महीने मेलों में खजले मिठाई की दुकान लगाते हैं व 2 महीने घर रहते हैं.

चार तरह का होता है खजला
अजय ने बताया कि खजला 4 तरह का होता है. मावे का खजला, दुधवाला खजला, मीठा खजला व नमकीन खजला. खजले की कीमत मेले के अनुसार तय की जाती है. इस बार खजले की कीमत के बारे मे अजय ने बताया कि मीठे खजले की कीमत 160 रुपये किलो है. दूध वाले खजले की कीमत 200 रुपये किलो है.अजय ने बताया कि खजला एक ऐसी मिठाई है जो जितनी पुरानी रहेगी उतना ही अच्छा स्वाद खाने वाले व्यक्ति को मिलेगा. यह करीब डेढ़ महीने तक आसानी से रखी जा सकती है. यह मिठाई अलवर जिले में सिर्फ 20 दिन ही उपलब्ध रहती है. जो सिर्फ जगन्नाथ जी के मेले पर यह दुकानें लगती है उन्हीं पर यह मिठाई मिलती है.

बनाने की प्रक्रिया
खजले बनाने की प्रक्रिया के बारे में अजय ने बताया कि यह मिठाई मैदा द्वारा तैयार की जाती है. पहले मैदा को लगाया जाता है. उसके बाद पराठे की तरह बेलकर धीरे रिफाइंड तेल में तला जाता है. इसके ऊपर वाली परत को फोड़कर इसे अच्छी तरह से सेका जाता है. इसके बाद इसे चीनी की चाशनी में डुबोकर मीठा बनाया जाता है.

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