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अंजू प्रजापति/रामपुर: सर्दी बढ़ने के साथ ही लोगों के खाने का जायका भी बदलने लगा है. ठिठुरने वाली गुलाबी सर्दी शुरू होते ही मिठाइयों के प्रकार भी बदल जाते हैं. सर्दी बढ़ते ही गजक की एकाएक मांग बढ़ जाती है लेकिन लोग गजक सिर्फ स्वाद के लिए ही खाना पसंद नहीं करते हैं बल्कि ये सेहत के लिए भी कई तरह से फायदेमंद साबित होती है. सर्दी के मौसम में इसकी तासीर शरीर को गर्म रखती है. इसलिए ये बच्चों से लेकर बूढ़ों तक बेहद लोकप्रिय होती है.
रामपुर शहर अपनी कई विविध संस्कृतियों और परम्पराओं के अलावा खानपान के लिए भी बेहद लोकप्रिय है. यहां आपको कई ऐसे व्यंजन दिख जाएंगे जिनका सालों से स्वाद बरकरार है. हम बात कर रहे है मिस्टन गंज मंदिर वाली गली प्रेम गजक भंडार की ये दुकान अपने उम्दा जायके के लिए शहर में बहुत फेमस है. दुकानदार दिलीप गोयल के मुताबिक उनकी गजक की दुकान लगभग 80 वर्ष पुरानी है. खास बात तो ये है कि इनके यहाँ 22 प्रकार की गजक बनाई व बेची जाती है. जिसे बनाने के लिए शुद्ध देशी घी सभी प्रकार की मेवा, तिल अलसी, गुड़ चीनी व अन्य सामग्री के साथ गजक और लड्डू का इस्तेमाल किया जाता है.
कई प्रकार की बनती है गजक
गजक को गुड़ और तिल के साथ मिलाकर तैयार किया जाता है. इसीलिए गजक की तासीर गर्म होती है. सर्दी के मौसम में बाजार में तिल, मूंगफली और ड्राइफ्रूट( काजू-बादाम) से बनी कई वैयारटी की गजक मिलने लगती हैं. जिसके कारण सर्दियों में गजक खाने से आप आसानी से खांसी, जुकाम और ठंडी से बच सकते हैं और इम्यूनिटी को बढ़ा सकते हैं. दिलीप गोयल अपनी दुकान पर 280 रुपये से लेकर 600 रुपये तक मे बेचते है. अभी प्रेम गजक भंडार पर सबसे ज्यादा मांग कुटी हुई खस्ता गजक की जा रही है.
मौसम सर्द होते ही गजक से सजी दुकानें
सादी गजक, केसर गजक, चन्द्र कला, पंजीरी गजक देशी घी, मावा रोल देशी घी, तिल बुग्गा देशी घी, गुड़ की रेवड़ी देशी घी, पट्टी मूंगफली देशी घी, मावे की रेवड़ी, कटलस गजक देशी घी, चिक्की मूंगफली, अलसी के लड्डू और तिल के लड्डू अन्य कई प्रकार की गजक बनाई जाती है. गजक की मांग स्वाद की वजह से नहीं, बल्कि गजक में इस्तेमाल होने वाली तिल-गुड़ सर्दियों में शरीर के लिए औषधि का काम करता है. बाजारों में गजक की दुकानों में खासी ग्राहकी दिखाई दे रही है.
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Tags: Food, Food 18, Hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : December 7, 2023, 15:48 IST
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