Friday, March 14, 2025
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युद्धकाल में क्या कहता है अस्पतालों पर हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर?


Israel-Hamas war: इजरायल और हमास के बीच जंग जारी है. इस बीच गाजा पट्टी में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर मिसाइल से हमला हुआ. इसमें सैकड़ों लोगों की मौत होने का दावा किया गया है. हमास समेत ज्‍यादातर अरब देशों ने मिसाइल अटैक के लिए इजरायल को जिम्‍मेदार बताया है. कई देशों की ओर से आतंकवादी समूह घोषित हमास का दावा है कि इस हमले में करीब 500 लोग मारे गए हैं. वहीं, गाजा में हमास की ओर से संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्‍पष्‍ट किया है कि हमले में 200 से 300 लोगों की मौत हुई है. वहीं, इजरायल की ओर से कहा गया है कि इस हमले में उसका हाथ नहीं है.

इजराइल डिफेंस फोर्सेज यानी आईडीएफ के मुताबिक, इस्लामिक जिहाद आतंकवादी संगठन ने रॉकेट दागा था, जो लॉन्चिंग के दौरान मिसफायर हो गया और अस्‍पताल पर गिर गया. इजरायल की सेना का कहना है कि परिचालन और खुफिया प्रणालियों की समीक्षा के बाद स्पष्ट हो गया है कि आईडीएफ ने गाजा में अस्पताल पर कोई हमला नहीं किया. अपनी बात को पुख्‍ता करने के लिए आईडीएफ ने एक वीडियो भी जारी किया है. मिसाइल से अस्‍पताल पर हुए हमले को लेकर हमास की ओर से जारी आरोप और इजरायल की सफाई के बीच जानते हैं कि युद्धकाल में अस्पतालों और स्‍कूलों को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ का चार्टर क्‍या कहता है?

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अस्‍पतालों पर हमला छह उल्‍लंघनों में एक
युद्धकाल के दौरान स्कूलों और अस्पतालों पर किसी भी तरह से किया गया हमला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की ओर से चिह्नित व निंदित छह गंभीर उल्लंघनों में ये एक है. ये छह गंभीर उल्लंघन युद्ध के समय आम नागरिकों और खासतौर पर बच्चों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की निगरानी, ​​रिपोर्टिंग और प्रतिक्रिया के लिए यूएन सिक्‍योरिटी काउंसिल के नियमों का आधार हैं. इन उल्लंघनों को खत्‍म और रोकना यूएनएससी के विशेष प्रतिनिधि के काम का हिस्‍सा हैं. बच्चों व सशस्‍त्र संघर्ष पर महासचिव की सालाना रिपोर्ट में स्कूल व अस्पताल पर हमले सशस्‍त्र संघर्ष के पक्षों को सूचीबद्ध करते हैं.

स्कूल और अस्पताल शांति के क्षेत्र माने जाते हैं, जहां युद्ध के समय भी बच्चों को सुरक्षा दी जाती है.

युद्ध का अस्‍पतालों-स्‍कूलों पर सीधा असर
स्कूल और अस्पताल शांति के क्षेत्र माने जाते हैं, जहां युद्ध के समय भी सुरक्षा दी जाती है. फिर भी बच्चों पर बुरा असर डालने के लिए स्कूलों और अस्पतालों पर हमला करने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. स्कूलों और अस्पतालों को प्रत्यक्ष और भौतिक नुकसान होने के अलावा संघर्ष के दौरान जबरन बंद किया जा सकता है या इनका कामकाज रोका जा सकता है. बच्चों, शिक्षकों, डॉक्टरों और नर्सों को भी संदेह होने पर धमकियों का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा सैन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए स्कूलों का इस्‍तेमाल भी चिंता का विषय है.

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स्‍कूलों-अस्‍पतालों पर युद्ध का ये भी असर
कुछ सशस्‍त्र समूह लड़कियों की शिक्षा या पुरुष चिकित्सा कर्मियों के लड़कियों का इलाज किए जाने का विरोध करते हैं. बाद में इन सेवाओं तक लड़कियों की पहुंच में रुकावट डालते हैं. युद्ध के कारण असुरक्षा का माहौल बच्चों, शिक्षकों और चिकित्सा कर्मियों को स्कूल जाने या चिकित्सा सहायता लेने से रोकता है. उदाहरण के लिए, माता-पिता को अस्थिर सुरक्षा स्थिति में अपने बच्चों को स्कूल भेजना सबसे ज्‍यादा जोखिम वाला काम लग सकता है या बाधाओं के कारण बच्चों को समय पर अस्पतालों तक पहुंचने से रोका जा सकता है.

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अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत निषेध
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत स्कूल और अस्पताल दोनों संरक्षित नागरिक स्‍थल हैं. इसलिए दोनों को मानवीय सिद्धांतों का फायदा मिलता है. साल 2011 के बाद से प्रत्यक्ष हमलों और खतरों के कारण स्‍कूल या अस्‍पताल बंद करने को सशस्‍त्र संघर्ष के दौरान बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन माना गया है. साथ ही उल्‍लंघन करने वाले पक्षों को महासचिव की सूची में शामिल करने के लिए ट्रिगर के तौर पर जोड़ दिया गया है.

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अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के तहत स्कूल और अस्पताल दोनों संरक्षित नागरिक स्‍थल हैं.

स्कूल-अस्पताल पर हमलों पर यूएन का नोट
यूएनएससी ने संकल्प 1998 को अपनाते हुए 2011 में संयुक्त राष्ट्र को बच्चों व सशस्‍त्र संघर्ष पर महासचिव की वार्षिक रिपोर्ट में आदेश दिया कि स्कूलों या अस्पतालों या स्कूलों व अस्पतालों से जुड़े संरक्षित व्यक्तियों पर हमला करने वाले सशस्‍त्र बलों तथा समूहों की पहचान करके सूचीबद्ध किया जाए. प्रस्ताव में संघर्ष के सूचीबद्ध पक्षों से उल्लंघनों को रोकने के लिए ठोस, समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करने को कहा गया. ये चार्टर सुनिश्चित करता है कि बच्चे शिक्षा व स्वास्थ्य के अधिकारों का फायदा ले सकें और उल्लंघन करने वालों को दंड दिया जा सके.

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नोट बच्‍चों के अधिकारों को देता है सुरक्षा
यूएनएससी की ओर से कहा गया कि हम अपने साझेदारों के साथ संघर्ष के हालात में बच्चों के स्वास्थ्य व शिक्षा के अधिकार को प्रभावित करने वाली घटनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग की क्षमता को मजबूत कर रहे हैं. हम इन उल्लंघनों पर रोक लगाने के लिए अपराधियों के साथ अपनी बातचीत भी बढ़ा रहे हैं. बच्चों व सशस्‍त्र संघर्ष के विशेष प्रतिनिधि ने 22 मई 2014 को स्कूलों और अस्पतालों के खिलाफ हमलों पर एक मार्गदर्शन नोट भी पेश किया ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि निगरानी, ​​​​रिपोर्टिंग और बातचीत में शामिल हर पक्ष युद्धकाल में स्कूलों व अस्‍पतालों पर हमलों को खत्‍म करने और रोकने के लिए ठोस कदम उठाए.

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16 देशों का बच्‍चों से जुड़े एजेंडा को समर्थन
यूएलएससी का गाइडेंस नोट स्कूलों के सैन्य इस्‍तेमाल के मुद्दे पर बात करता है. विशेष प्रतिनिधि ने स्‍कूल व अस्‍पतालों की नागरिक स्थिति को संरक्षित करने के लिए वकालत की है. इसमें मई 2015 में स्‍कूलों को सुरक्षित स्‍थान घोषित करना भी शामिल है. सितंबर 2021 तक घोषणा को 111 राज्यों ने समर्थन दे दिया. इसमें बच्चे और सशस्‍त्र संघर्ष एजेंडे पर अफगानिस्तान, बुर्किना फासो, कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, इराक, लेबनान, माली, नाइजर, नाइजीरिया, फिलिस्तीन स्‍टेट, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान और यमन शामिल हैं.

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पूरी दुनिया ने एक सुर में युद्धकाल के दौरान बाल सैनिकों की भर्ती और यौन हिंसा की निंदा की है.

बाल सैनिकों की भर्ती और यौन हिंसा की निंदा
युद्ध और उससे जुड़े हालात में बच्चों के विस्थापित होने पर शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करना भी ‘बच्चे व सशस्‍त्र संघर्ष जनादेश’ के लिए प्राथमिकता रही है. युद्ध से प्रभावित बच्चों के लिए न्यूनतम स्तर की सेवाओं को बनाए रखने के लिए आपात स्थिति में शिक्षा व स्वास्थ्य देखभाल के लिए वित्त पोषण महत्वपूर्ण है. हाल की बातचीत पहलों में यह मुख्य मुद्दा रहा है. पूरी दुनिया ने एक सुर में युद्धकाल के दौरान बाल सैनिकों की भर्ती और यौन हिंसा की निंदा की है. यूएनएससी का कहना है कि अब पूरी दुनिया को इसी ताकत और विश्वास के साथ स्कूलों द अस्पतालों पर हमलों की भी निंदा करनी होगी. साथ ही उल्‍लंघन करने वालों पर कार्रवाई करनी होगी.

Tags: Hamas attack on Israel, Israel air strikes, Israel-Palestine Conflict, United Nations Security Council



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