Home National यून‍िवर्स‍िटी VC पर वॉट्सऐप ग्रुप में कव‍िता पोस्ट करना पड़ा भारी, सस्‍पेंड

यून‍िवर्स‍िटी VC पर वॉट्सऐप ग्रुप में कव‍िता पोस्ट करना पड़ा भारी, सस्‍पेंड

0


हाइलाइट्स

रजिस्ट्रार की ओर से सोमवार दोपहर जारी क‍िए गए प्रोफेसर जोशी के न‍िलंबन ऑर्डर
प्रोफेसर ने कव‍िता के जर‍िए अपरोक्ष रूप से वीसी और विश्वविद्यालय पर साधा न‍िशाना
SU ने प्रोफेसर मनोज जोशी से 30 जून तक मांगा था कारण बताओ नोटिस का जवाब

राजकोट. गुजरात (Gujarat) के सौराष्‍ट्र विश्वविद्यालय (SU) के एक प्रोफेसर को अपरोक्ष रूप से प्रभारी कुलपति की आलोचना करने वाली एक कविता कथित तौर पर वॉट्सऐप ग्रुप (WhatsAap Group) पर साझा करना भारी पड़ गया. इस कव‍िता को साझा करने के करीब एक सप्‍ताह बाद अब यून‍िवर्स‍िटी प्रशासन की ओर से सख्‍त कदम उठाया गया है. इस कव‍िता की पोस्‍ट को साझा करने वाले सौराष्‍ट्र विश्वविद्यालय (Saurashtra University) के गुजरात विभाग (Gujarat Department) के प्रमुख को ‘अनुशासनहीनता’ के चलते सोमवार को सस्‍पेंड कर दिया गया. यून‍िवर्स‍िटी के रजिस्ट्रार की ओर से सोमवार दोपहर में प्रोफेसर मनोज जोशी को निलंबित करने संबंधी आदेश जारी क‍िए गए.

इंड‍ियन एक्‍सप्रेस में प्रकाश‍ित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक प्रोफेसर मनोज जोशी का निलंबन कथित तौर पर विश्वविद्यालय शिक्षकों के राष्ट्रीय संगठन अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक संघ (ABRSM) के स्थानीय वॉट्सऐप ग्रुप में कविता साझा करने के करीब एक सप्ताह बाद हुआ है. गुजराती में लिखी गई कविता में कथित तौर पर एसयू में कथित “घोटालों” का जिक्र क‍िया गया. इसमें विश्वविद्यालय के गणित विभाग (Mathematics Department) के प्रमुख प्रोफेसर समीर वैद्य का भी कथित संदर्भ दिया गया.

ये भी पढ़ें- NExT Exam: डॉक्टर्स, MBBS स्टडेंट्स की NMC से गुहार, पासिंग क्राइटेरिया और दिशानिर्देशों में दें ढील

हालांक‍ि कव‍िता में यून‍िवर्स‍िटी के इंचार्ज वीसी प्रोफेसर गिरीश भिमानी के नाम का ज‍िक्र नहीं क‍िया गया था. लेक‍िन कथित तौर पर कविता से ऐसा प्रतीत होता है कि जबसे उन्होंने कार्यभार संभाला है, तब से विश्वविद्यालय को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आत्मीय विश्वविद्यालय (Atmiya University) के अध्यक्ष त्यागवल्लभ स्वामी द्वारा धन के कथित दुरुपयोग के मामले में राजकोट स‍िटी पुलिस की ओर से चल रही जांच में प्रोफेसर समीर वैद्य का नाम भी कथित तौर पर सामने आया था. इस मामले में ग‍िरफ्तारी से बचने के ल‍िए राजकोट की जिला एवं सत्र अदालत (Rajkot district and sessions court) का रुख किया था. हालांक‍ि कोर्ट ने पिछले सप्ताह उनकी और त्‍यागवल्लभ स्वामी की अर्जी खारिज कर दी थी. समीर वैद्य अभी भी सौराष्‍ट्र व‍िव‍ि से छुट्टी पर चल रहे हैं.

कविता के वायरल होने के बाद, विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर जोशी को कारण बताओ नोटिस भेजा था और 30 जून तक जवाब मांगा था. सूत्रों ने कहा कि उन्होंने नोटिस का जवाब देते हुए कव‍िता के बारे में क‍िसी प्रकार की जानकारी नहीं होने की बात कही थी. लेक‍िन एसयू प्रशासन ने उनको सबूत दिखाया और एक और नोटिस जारी कर दो द‍िन के भीतर जवाब मांगा. इसके बाद आखिरकार उनको सोमवार को निलंबित कर दिया गया.

प्रोफेसर जोशी का कहना है क‍ि उनको सोमवार दोपहर 3:30 बजे सस्‍पेंड करने का आदेश प्राप्‍त हुआ था. इस आदेश में कहा गया था कि मुझे एसयू की आचार संहिता के उल्लंघन के लिए निलंबित कर दिया गया है. विश्वविद्यालय ने कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए समय सीमा समाप्त होने से पहले निलंबित कर दिया. इस प्रकार मुझे जवाब देने का समय भी नहीं मिला है.

जब प्रोफेसर जोशी से उनकी कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा क‍ि मैंने एबीआरएसएम के पदाधिकारियों से संपर्क किया है और इस मामले में उनकी सलाह मानूंगा. इस मामले में प्रोफेसर भिमानी (Girish Bhimani) से फोन और टेक्‍स्‍ट मैसेज के जर‍िये संपर्क साधने की कोशिश की गई लेक‍िन उनकी तरफ से कोई प्रत‍िक्र‍िया हास‍िल नहीं हो पाई.

Tags: Gujarat, Gujarat news



Source link