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गोरखपुर में निकाय चुनाव को लेकर तैयार हो रही मतदाता सूची में खामियों की भरमार है। इन्हीं खामियों के चलते नगर निगम के 7000 से अधिक वोटर महापौर तो अपनी पसंद का चुनेंगे लेकिन पार्षद का चुनाव नहीं कर पाएंगे। प्रशासन ने खामियों को नहीं सुधारा तो इन वोटरों को दूसरे वार्ड के पार्षद को अपना वोट देना होगा। सूची में खामी को लेकर दर्जन भर वार्डों के पार्षदों और दावेदारों में घमासान मचा है। लेकिन जिम्मेदार गलती सुधारने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
माधोपुर और महर्षि दधिची नगर (तिवारीपुर) में वोटरों की सूची में तमाम गड़बड़ियां हैं। तिवारीपुर के 2200 से अधिक वोटर माधोपुर वार्ड में शामिल कर दिये गए हैं। वहीं जफर कालोनी जो परिसीमन के बाद महर्षि दधिची नगर में चला गया है, उसके वोटरों का नाम माधोपुर में ही है। पार्षद अभिषेक निषाद के साथ पूर्व पार्षद रामकेवल निषाद ने इस खामी को सुधारने के लिए कमिश्नर से लेकर एडीएम को पत्र लिखा है, लेकिन सुधार नहीं हो रहा है। पार्षद अभिषेक निषाद का कहना है कि इसको लेकर एडीएम एफआर से मुलाकात हुई थी।
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पत्रक देने के बाद भी सुधार को लेकर कोई कोशिश नहीं हो रही है। कई वार्डों में तो मृतकों को भी वोटर बनाया गया है। शिव सिंह क्षेत्री वार्ड से पूर्व पार्षद चन्द्रभान प्रजापति ने प्रशासन से डबल नाम के साथ मृतकों की सूची को लेकर प्रशासन से शिकायत की है। उनका कहना है कि मृतकों के साथ वार्ड छोड़कर जाने वालों का नाम भी मतदाता सूची में दर्ज है। पांच साल में एक भी मृतक का नाम नहीं कटा है। वोटर लिस्ट में कई खामियां हैं।
वोटर लिस्ट को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे पूर्व पार्षद
इसी तरह का मामला महाराणा प्रताप वार्ड और सूरजकुंड धाम वार्ड में वोटर लिस्ट को लेकर मामला फंसा हुआ है। सूरजकुंड वार्ड के वोटरों को फाइनल सूची में तीन भाग संख्या के 4200 वोटरों के नाम को महाराणा प्रताप वार्ड में जोड़ दिया गया है। पूरे मामले को लेकर पूर्व पार्षद जुबेर अहमद ने जिलाधिकारी समेत निर्वाचन आयोग से शिकायत की। पूर्व पार्षद ने इसको लेकर हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की है, जो सुनवाई को लेकर स्वीकार कर ली गई है। इसी तरह शिवपुर वार्ड के 300 वोटरों का नाम सालिक राम नगर वार्ड में चला गया है। शिवपुर के वोटर नूर आलम कहते हैं कि गलती ठीक नहीं हुई तो मेयर तो अपनी पसंद का चुनेंगे। लेकिन पार्षद अपने वार्ड के लिए नहीं चुन पाएंगे।
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