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बरेली के विकास में अपनी जिम्मेदारी निभाकर हाउस टैक्स अदा करने वाले नगर निगम के सिस्टम से परेशान हैं। निस्तारण के नाम पर दावे, वादे तो होते हैं, लेकिन उन्हें धरातल पर लाने के लिए साल गुजरते जाते हैं। पिछली बार के चुनावी दावे फिर से जनता के बीच गुनगुनाने लगे हैं। शहर में कोई ऐसा वार्ड नहीं जो कुत्ते-बंदरों के आतंक से मुक्त हो चुका हो। अभियान चलता है लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं, मगर समस्या जस की तस बनी है। वार्डों में हकीकत परखी तो वार्ड बाशिंदों का दर्द जुबां पर आ गया।
पब्लिक से जुड़ गया मुद्दा तो याद आने लगे नियम नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग की मनमानी और लाचारी के कारण शहर के हर वार्ड में बंदरों के झुंड और कुत्तों के आतंक का डर लोगों में दिखाई दिया। कहीं सिस्टम की लाचारी नजर आई। जनता की जुबां पर बस यही बोले थे, कि उनके वार्ड में बंदरों ने आतंक मचा रखा है। आवारा कुत्ते सड़कों पर घूम रहे हैं। बच्चे, बुजुर्ग को काट रहे हैं। बंदर घरों में घुसकर नुकसान पहुंचा रहे हैं। छतों पर लोगों ने जाना छोड़ दिया। घरों से बाहर सामान निकलना बंद कर दिया। लोगों कहा यही कहना है बंदरों को पकड़ने का मुद्दा पब्लिक से जुड़ गया तो जिम्मेदारों को नियम याद आ रहे हैं। वैसे सरकारी सिस्टम कितना नियमों पर चल रहा है सब जानते हैं।
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लोगों में फैली है दहशत
खन्नू मोहल्ला के हुमैर अब्बास ने कहा कि बंदरों के कारण क्षेत्र की जनता परेशान है। लोग अपनी अपनी छतों पर बंदरों की दहशत की वजह से नहीं जा पाते हैं। आए दिन बंदर, कुत्तों के हमले से लोग जख्मी हो रहे हैं।
बच्चे-बुजुर्गों को अधिक डर
गढ़ैया मोहल्ला के मिजान अली ने कहा कि बंदरों के झुंड से लोग परेशान है। बच्चे, बुजुर्ग घरों से बाहर निकलने से डरते हैं। हालात यह बन गए हैं कि सड़कों पर खूंखार कुत्ते और छतों पर बंदरों का झुंड हमला कर रहा है।
आए दिन करते हैं हमला
सौदागरान के सुमित मेहरोत्रा बोले-पहले नंबर की सबसे बड़ी समस्या बंदरों के झुंड हैं। आए दिन लोगों पर हमला कर घायल कर रहे हैं। छतों पर बंदरों के झुंड ने आतंक मचा रखा है। सामान उठा लेकर जाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
कहीं नहीं हो रही सुनवाई
बिहारीपुर मेमरान के पम्मी खां ने कहा कि बंदरों से क्षेत्रवासी सबसे ज्यादा परेशान है। सड़कों पर लोगों से सामान तक छीनकर बंदर भाग जाते हैं। सड़कों पर कुत्तों का झुंड लोगों पर हमला कर रहा है। कहीं सुनवाई नहीं हो रही।