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Agri startups: यूपी की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर से ऊपर ले जाने का एक रास्ता अब कृषि क्षेत्र के एग्री स्टार्टअप से होकर भी जाएगा। शुरुआत मक्के की हाईटेक खेती से होने जा रही है। इसके तहत विश्व बैंक की सहयोगी इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन और कुछ बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियों की सहायता से प्रदेश के छह जिलों बरेली, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, रामपुर और मुरादाबाद के एक लाख एकड़ में जायद सीजन में धान और मेंथा की जगह मक्के की कामर्शियल खेती कराई जाएगी। बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियां मसलन बायर, नुजुवुडु एवं कोर्टेवा मक्का के विशेष प्रकार के उन्नत बीज एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध कराएंगी जबकि इंटरनेशनल फाइनेंस कारपोरेशन जरूरत के अनुसार आधारभूत संरचनाओं विशेष कर मक्के की खरीद के लिए कार्यशील पूंजी किसानों को उपलब्ध कराएगी। तैयार उत्पादों को तत्काल खपाने के लिए पशुआहार, मत्स्य आहार, पॉल्ट्री के लिए दाने, स्टार्च और एथेनॉल बनाने वाली कंपनियों के साथ समन्वय किया गया है। ये कंपनियां उत्पादित मक्के के हर ग्रेड के मैटेरियल को खरीद लेंगी।
विशेष किस्म के बीज की रहेगी अहम भूमिका
तीनों बहुराष्ट्रीय बीज कंपनियां किसानों को मक्के का जो बीज उपलब्ध कराएंगी, वह विशेष प्रकार का है। इसकी उत्पादकता 70 से 80 कुंतल प्रति एकड़ है और इस पर मौसम का कुप्रभाव नहीं पड़ता। प्रचंड गर्मी में भी यह अपेक्षाकृत कम सिंचाई में अच्छी पैदावार देता है और हर मक्के में पूरे दाने आते हैं।
राज्य सरकार भी करेगी सहायता
यंत्रीकरण एवं सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से किसानों को सरकार मदद करेगी। इसके तहत किसानों को ड्रिप एरिगेशन तथा स्प्रिंकलर सेट एवं अन्य कृषि यंत्र अनुदानित दर पर मुहैय्या कराया जाएगा। साथ ही खाद्य प्रसंस्करण नीति-2023 के तहत प्रसंस्करण एवं भंडारण संबंधी मामलों में भी सरकार सहयोग करेगी।
क्या है ग्राम उन्नति स्टार्टअप
ग्राम उन्नति स्टार्टअप बड़ी-बड़ी कंपनियां या जो प्रोसेसर्स हैं, उनके और किसानों के बीच सेतु का काम करती है। यह बिजनेस हाउसेस से टाइअप कर किसानों के उत्पाद अधिकतम लाभकारी कीमतों पर बिकवाने में सहयोग करती है।