Home National यूपी में दल-बदल के जरिए और तेज होगा शह-मात का खेल, अब बीजेपी-कांग्रेस को जवाब देने की तैयारी में अखिलेश 

यूपी में दल-बदल के जरिए और तेज होगा शह-मात का खेल, अब बीजेपी-कांग्रेस को जवाब देने की तैयारी में अखिलेश 

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यूपी में दल-बदल के जरिए और तेज होगा शह-मात का खेल, अब बीजेपी-कांग्रेस को जवाब देने की तैयारी में अखिलेश 

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Akhilesh Yadav’s strategy: समाजवादी पार्टी ने पीडीए के बूते एनडीए को हराने का मंसूबा जरूर पाला है, लेकिन उसके समक्ष बड़ी चुनौती सामने से तो है, नजदीकियों से भी मुश्किलें कम नहीं हैं। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों उसके पीडीए में सेंधमारी में लगे हैं। कांग्रेस से संभावित गठजोड़ के बीच दलबदल की यह मुहिम दोनों ओर से और तेज होगी। वहीं अखिलेश भी अब जवाब देने की तैयारी में हैं। बताया जा रहा है कि उनकी नज़र बीजेपी और कांग्रेस के असंतुष्‍टों पर है। 

अखिलेश यादव पीडीए (पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यक) वर्ग को अपने पाले में लाकर यूपी में लोकसभा चुनाव की जंग को 80 बनाम 20 करना चाहते हैं, लेकिन अब इसी पीडीए पर कांग्रेस की भी निगाह है। कांग्रेस एक साथ पिछड़ा, दलित व अल्पसंख्यकों को रिझाने की मुहिम में है। हाल में लखीमपुर खीरी के कुर्मियों में कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा सपा छोड़ कर कांग्रेस में शमिल हो गए।  इससे पहले सपा की साइकिल की सवारी छोड़कर सहारनपुर के इमरान मसूद ने कांग्रेस का साथ पकड़ लिया। भाजपा ने भी सपा के विधायक दारा सिंह चौहान को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया यह अलग बात है कि सपा उपचुनाव में सपा ने दारा सिंह चौहान का हरा दिया। 

बसपा से सपा में आए कई दलित नेता ऊहापोह में 

बसपा से सपा में आए दो पूर्व मंत्री भी इस समय ऊहापोह में हैं। उन्हें सपा में आए भी तीन चार साल हो गए। पर अपनी उपेक्षा से आहत हैं लेकिन अभी कोई कदम उठाने से पहले हवा का रुख देखना चाहते हैं। पूर्वांचल के दलित व ओबीसी वर्ग के दो विधायक भाजपा में जाने की तैयारी कर चुके थे लेकिन ऐन वक्त पर मीडिया में उनके जाने की चर्चा शुरू हो गई तो उन्होंने बढ़े कदम वापस खींच लिए लेकिन अब लोकसभा चुनाव का ऐलान होने का इंतजार कर हैं। बसपा से आए एक प्रमुख दलित नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री को कांग्रेस व भाजपा दोनों से आफर है लेकिन अभी वह निर्णय नहीं ले पाए हैं। 

सपा भी सतर्क, कांग्रेस भाजपा के असंतुष्टों पर निगाह

रविप्रकाश वर्मा के जाने की भरपाई करने के लिए सपा की निगाह लखीमपुर खीरी के पुराने कांग्रेसी पर है जो वहां से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। वैसे तो वह भी खीरी से टिकट के दावेदार हैं लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस रवि प्रकाश वर्मा के लिए यह सीट सपा से मांगेगी। सपा उन कांग्रेसी नेता को अपने यहां लाने में जुटी है। पर सपा सबसे बड़ा दांव तो भाजपा के असंतुष्टों पर लगाना चाहती है।

इसके लिए लोकसभा चुनाव की डुगडुगी बजने के बाद जब भाजपा में टिकट कटने व वितरण का काम शुरू होगा, तब वहां के टिकट न पाने वाले दावेदार सपा के पाले में आने की कोशिश करेंगे। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा ने भाजपा, बसपा व कांग्रेस से बड़े पैमाने पर तमाम छोटे बड़े नेताओं को सपा में शामिल कराया था।

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