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आगरा में संजय प्लेस (हरीपर्वत) में शुभ एसोसिएट नाम से ऑफिस बेरोजगारों से ठगी के लिए खोला गया था। इस्पात कंपनी में नौकरी के नाम पर 200 से अधिक लोगों के इंटरव्यू लिए गए। परामर्श शुल्क के नाम पर प्रत्येक आवेदक से दो हजार रुपये वसूले गए। मैनेजर के नाम से सिमकार्ड लिए गए। उन्हें छत्तीसगढ़ में साइबर अपराधियों को बेचने की तैयारी थी। सिटी एसओजी और हरीपर्वत पुलिस ने शातिर को दबोच लिया।
डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि साईं विलास, दुर्ग (छत्तीसगढ़) निवासी शुभम कुमार आडवानी को पकड़ा गया है। रायपुर (छत्तीसगढ़) में 45 लाख की ठगी की थी। रायपुर से भागकर शातिर आगरा आ गया। आवास विकास कालोनी सेक्टर 12 ए में शुभ एसोसिएट नाम से ऑफिस खोला। कुश कालरा को सहायक मैनेजर पद पर रखा। कार्यालय आवास विकास से संजय प्लेस में शिफ्ट कर लिया। किरायानामा सहायक मैनेजर के नाम से बनवाया।
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सभी काम कुश कालरा के नाम और आईडी से करने लगा। शातिर ने उसके बाद सूर्या इस्पात उद्योग में नौकरी के लिए विज्ञापन दिया। परामर्श शुल्क के नाम पर ऑनलाइन दो हजार रुपये जमा कराए। 200 से अधिक बेरोजगार संजय प्लेस ऑफिस में इंटरव्यू देने आए। मैनेजर ने विभिन्न सर्विस प्रोवाइडर कंपनी के कर्मचारी अपने ऑफिस बुलाए। अपने हस्ताक्षर से फर्जी कंपनी के लेटर हेड पर सिमकार्ड और डोंगल खरीदे।
नहीं मिला नियुक्ति पत्र
सहायक मैनेजर को नियुक्ति पत्र नहीं मिला था। उसे मालिक पर शक होने लगा। उसने ऑनलाइन सूर्या इस्पात के बारे में सर्च किया। पता चला कि आगरा में कोई ब्रांच ऑफिस नहीं है। न ही भर्ती के लिए किसी कंपनी को कोई जिम्मेदारी है। सहायक मैनेजर हरीपर्वत पुलिस से मिला। शिकायत दी। सिटी एसओजी और हरीपर्वत पुलिस ने घेराबंदी करके शातिर को दबोच लिया।
ये हुई बरामदगी
इंस्पेक्टर हरीपर्वत अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपित के पास से 98 सिमकार्ड, एक कार, एक मोबाइल, 4500 रुपये, 10 डेबिट कार्ड, एक लैपटॉप, सूर्या इस्पात कंपनी के कूटरचित दस्तावेज, कूटरचित मुहर आदि सामान बरामद हुआ। आरोपित ने कुछ सिमकार्ड छत्तीसगढ़ भेज दिए थे। आशंका है कि वह साइबर अपराधियों के संपर्क में था। उन्हें सिमकार्ड बेचा करता था।