Home National यूपी: 10 पुलिसवालों पर वकील की हत्‍या का केस, SO और चौकी इंचार्ज सस्‍पेंड; पत्‍नी बोलीं- ‘मेरे पति को बालकनी से फेंका’

यूपी: 10 पुलिसवालों पर वकील की हत्‍या का केस, SO और चौकी इंचार्ज सस्‍पेंड; पत्‍नी बोलीं- ‘मेरे पति को बालकनी से फेंका’

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Agra News: आगरा के मंगलम आधार अपार्टमेंट में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के मामले में पुलिस कठघरे में है। उनकी पत्नी सुनीता शर्मा ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। डीसीपी सूरज राय ने बताया कि तहरीर के आधार पर सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसओ न्यू आगरा राजीव सिंह और दयालबाग चौकी इंचार्ज अनुराग सिंह को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है। अधिवक्ता की पत्नी ने आरोप लगाया है कि दबिश के दौरान पुलिस ने उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंका था। पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में सीसीटीवी फुटेजों की गहनता से जांच हो रही है।

आरोप लगाया कि दबिश के दौरान पुलिस ने उनके पति को फ्लैट नंबर 802 की बालकनी से नीचे फेंका था। मुकदमे में एसओ न्यू आगरा सहित दो पुलिसकर्मी नामजद हैं। 10 अज्ञात पुलिसकर्मियों का जिक्र है। इससे पहले उन्होंने कमिश्नर को संबोधित तहरीर लिखी थी। वहीं परिजनों ने चेतावनी दी थी कि पोस्टमार्टम तभी होगा जब मुकदमा दर्ज करके आरोपित पुलिसवाले गिरफ्तार कर लिए जाएंगे। सुनीता शर्मा ने आरोप लगाया है कि आपराधिक षड्यंत्र के तहत मनोज दीक्षित उर्फ मनोज शर्मा ने उनके पति के खिलाफ न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज कराया। पति इस संबंध में अधिकारियों से मिले। अपनी बेगुनाही के साक्ष्य दिए। अधिकारी संतुष्ट थे। आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर बुलाया जाएगा। शुक्रवार की रात पौने ग्यारह बजे पुलिस वाले आए। उनके फ्लैट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने दरवाजा खोला। पुलिसवालों ने उनसे कहा कि पति को न्यू आगरा थाने भेज देना। पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। दरवाजा बंद कर दिया था। उसके करीब 10 मिनट बाद पुलिसवालों ने जबरन उनके घर का मुख्य दरवाजा तोड़ दिया।

रिटायर्ड डीआईजी और कर्नल हैं भाई

युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक अधिवक्ता सुनील शर्मा के बड़े भाई शक्तिधर डोभाल सीआरपीएफ के रिटायर्ड डीआईजी हैं। एक भाई कर्नल रिटायर्ड अनिल शर्मा हैं। छोटे भाई आशीष डोभाल कर्नल हैं। श्रीनगर में तैनात हैं। घटना की जानकारी भाइयों को रात में ही हो गई थी। उन्होंने एक ही बात बोली, उनके आने के बाद सामने ही पोस्टमार्टम होगा। शनिवार शाम शक्तिधर और अनिल आगरा आ गए। छोटे भाई का इंतजार होता रहा।

दीवानी आते-जाते थे तब क्यों नहीं बुलाया

अधिवक्ता सुनील शर्मा मूलत उत्तराखंड के निवासी थे। चार भाइयों में तीसरे नंबर के थे। तीन बहने हैं। घटना की जानकारी ने पूरे परिवार को हिला दिया। परिजन सूचना मिलते ही आगरा के लिए चल दिए। हर किसी की जेहन में एक ही सवाल था। आखिर आठवीं मंजिल से गिर कैसे गए। पुलिस ने रात में दबिश क्यों दी थी। आखिर इतना बड़ा कौन सा अपराध हो गया था। सुनील अधिवक्ता थे। शहर में ही मौजूद थे। प्रतिदिन दीवानी जा रहे थे। पुलिस उन्हें पकड़ने दिन में क्यों नहीं आई। मोबाइल भी चालू था। फोन करके क्यों नहीं बुलाया।

घसीटकर बराबर वाले फ्लैट में बंधक बनाया

सुनीता शर्मा का आरोप है कि पुलिसवालों ने अंदर आकर पति को दबोच लिया। जान से मारने की नीयत से घसीटकर बराबर वाले फ्लैट 802 में बंधक बना लिया। पांच सात मिनट बाद उनके पति के चीखने की आवाज आई। वह शोर मचाती हुई बाहर निकलीं। आठ-दस पुलिसवाले जिसमें राजीव सिंह, अनुराग सिंह आदि थे जो बराबर वाले फ्लैट के कमरे में थे। सभी ने मिलकर उनके पति को बालकनी से फेंक दिया। पुलिसवाले घर में रखे आवश्यक अभिलेख भी साथ ले गए। पुलिस ने अपने बचाव में अपराध के अपने साक्ष्यों को नष्ट कर दिया।

पुलिस ने बयानों का बनाया है वीडियो

पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या की तहरीर दी गई है। पुलिस कठघरे में है। अब क्या करना है। इस पर मंथन चल रहा है। अधिवक्ता का शव पोस्टमार्टम हाउस पर रखा है। पुलिस शुरू से यह दावा कर रही है कि यह हादसा है। पुलिस को इस तरह की तहरीर की पहले से आशंका थी। पुलिस ने शुक्रवार की रात ही छानबीन और जांच के दौरान लोगों के बयान दर्ज किए थे। कई लोगों के बयानों के वीडियो भी बनाए थे। पुलिस ने अधिवक्ता सुनीता शर्मा की पत्नी से भी कैमरे के सामने बातचीत की थी। पुलिस अपनी सफाई में इन्हीं बयानों और रिकार्डिंग को प्रस्तुत करेगी।

बेटे की मौत का भूली नहीं हैं गम

आगरा। अधिवक्ता सुनील शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा खामोश हैं। रिश्तेदारों ने बताया कि सितंबर 2022 में सुनील शर्मा के इकलौते बेटे विशाल शर्मा की आकस्मिक मौत हो गई थी। बेटे की मौत के बाद सुनीता खामोश रहने लगीं। अब पति की मौत हो गई है। वह अपने आप को कैसे संभालेंगी यह सोच-सोचकर उनके परिजन और रिश्तेदार परेशान हैं। वह अकेली रह गई हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता है जब वह अपने बेटे को याद नहीं करती हों। बेटे को याद करके पति के कंधे पर सिर रखकर रो लिया करती थीं। अब उनके आंसू कौन पौंछेगा।

मुंह के बल गिरे, हिले तक नहीं

अधिवक्ता सुनील शर्मा के गिरने का एक सीसीटीवी फुटेज पुलिस को मिला है। कैमरे नीचे की तरफ लगे हैं। अधिवक्ता ऊपर कहां से गिरे कैसे गिरे यह कैमरे में कैद नहीं है। कैमरे में सिर्फ उस समय का दृश्य कैद है जब वह नीचे आकर फर्श से आकर टकराए। पहले एक चप्पल गिरी थी। उसके कुछ ही देर में ऊपर से वह नीचे गिरे। वह सीधे मुंह के बल गिरे थे। चेहरा और सिर बुरी तरह जख्मी हुआ था। फर्श खून से लाल हो गया था। सुनील शर्मा इतनी ऊंचाई से गिरे थे कि गिरने के बाद उनके शरीर में कोई हलचल नहीं हुई। ऐसा लग रहा था जैसे ऊपर से ही कोई लाश गिरी हो।

अधिवक्ता का 40 घंटे बाद हो सका अंतिम संस्कार

न्यू आगरा पुलिस की दबिश में अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत के 40 घंटे बाद उनके शव का अंतिम संस्कार हो सका। पहले हत्या का मुकदमा दर्ज कराने के बाद पोस्टमार्टम कराया गया। उसके बाद परिजन गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। तीन घंटे तक अधिवक्ता का शव नहीं उठने दिया। 24 घंटे में गिरफ्तारी के आश्वासन पर रविवार की दोपहर शव उठ सका। अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली। शव उठने से पहले हर पल माहौल गर्माने की आशंका बनी रही।

युवा अधिवक्ता संघ के संरक्षक सुनील शर्मा की मौत शुक्रवार रात करीब सवा ग्यारह बजे यूपीएसआईडीसी मार्ग (सिकंदरा) स्थित मंगलम आधार अपार्टमेंट की आठवीं मंजिल से गिरने पर हुई थी। न्यू आगरा पुलिस ने उनके घर दबिश दी थी। पुलिस ने उसी समय उनका शव पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया था। शनिवार की रात करीब साढ़े ग्यारह बजे पंचनामा भरने की कार्रवाई हो सकी। अधिवक्ता के भाइयों को बाहर से आना था। पहले एसओ न्यू आगरा राजीव कुमार, दयालबाग चौकी इंचार्ज अनुराग सिंह सहित 10 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा लिखाया गया। दोनों पुलिस कर्मी निलंबित हुए। उसके बाद पंचनामा भरा जा सका। रविवार की सुबह पोस्टमार्टम हुआ। सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे अधिवक्ता सुनील शर्मा का शव मंगलम आधार अपार्टमेंट पहुंचा। अर्थी तैयार हो रही थी। इसी दौरान अधिवक्ता सुनील शर्मा के भाई कर्नल आशीष डोभाल बारामूला से परिवार सहित आगरा पहुंचे।

अधिवक्ता का यह हाल आम आदमी क्या करे

मौके पर मौजूद लोग कह रहे थे कि आम आदमी के साथ पुलिस क्या करती होगी। अधिवक्ता के घर जब यह हाल किया। अधिवक्ता के भाई देश की सेवा में हैं। भाई आशीष डोभाल तो कश्मीर में तैनात हैं। आतंकियों से लड़ते हैं। उनका सगा भाई सुरक्षित नहीं था। पुलिस ने मार डाला। सुनीता शर्मा चीख-चीखकर बोल रही थीं पुलिस ने उनके पति को नीचे फेंका। पूरा खेल मनोज शर्मा ने रचा है। उसी ने पुलिस की दबिश भेजी थी। पुलिस को पैसा चाहिए और मनोज शर्मा को जमीन। उनका सुगाह उजाड़ दिया।

अंतिम संस्कार के बाद कोई नहीं आएगा

पुलिस चाहती थी कि जल्द से जल्द अंतिम संस्कार हो जाए। कुछ लोग चाहते थे कि शव तभी उठे जब गिरफ्तारी हो जाए। पुलिस ने अधिवक्ता सुनील शर्मा के भाइयों से बातचीत की। उन्हें आश्वासन दिया कि जांच के एक-एक पहलू से उन्हें अवगत कराया जाएगा। इस प्रकरण में जो भी दोषी होगा उसे गिरफ्तार करके जेल भेजा जाएगा। पुलिस जब परिजनों को समझा रही थी लोग हल्ला मचाने लगे। कहने लगे अंतिम संस्कार के बाद कोई नहीं आएगा। हत्या के मुकदमे में पुलिस अंतिम आख्या लगा देगी। कोई नहीं पकड़ा जाएगा।

मुकदमे में मनोज शर्मा का नाम बढ़ाया

देवर कर्नल आशीष डोभाल को देखते ही सुनील शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा फूट-फूटकर रोने लगीं। कहने लगीं पुलिस ने पति को ऊपर से फेंककर मार डाला। मुकदमे में मनोज शर्मा नामजद तक नहीं है। उसी ने उनके पति के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के तहत मुकदमा लिखाया था। भाई ने मुकदमे की प्रति देखी। अभियुक्तों में राजीव कुमार और अनुराग सिंह का नाम था। आरोप लगने लगे कि पुलिस ने मनोज शर्मा को बचा लिया। पुलिस ने सफाई दी। कहा, उसका नाम बढ़ा देंगे। मुंशी की भूल से रह गया। घरवाले आक्रोशित हो गए। पुलिस की नीयत और मंशा पर शक जताया। कहा, शव जल जाएगा तो कोई यहां नहीं आएगा। पहले कार्रवाई होगी उसके बाद अंतिम संस्कार।

विवेचक ने पर्चा काटा

आनन-फानन में सिकंदरा थाने में विवेचक ने पर्चा काटा। मनोज शर्मा का नाम बढ़ाया। उसके कागज परिजनों को दिए गए। पुलिस को लगा कि अब शव उठ जाएगा। बात फिर भी नहीं बनी। पत्नी और परिजन पुलिसकर्मियों और मनोज की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गए। तीन घंटे तक परिजनों को मनाने का दौर चला। अधिकारियों से बता कराई गई। दोपहर करीब तीन बजे शव उठा। ताजगंज स्थित विद्युत शवदाह गृह पर अंतिम संस्कार किया गया।

दबिश का वीडियो वायरल ये लोग बिना अनुमति आए

मंगलम आधार आपार्टमेंट में पुलिस की दबिश का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो 45 सेकेंड का है। उसमें अधिवक्ता सुनील शर्मा की पत्नी सुनीता शर्मा की आवाज सुनाई दे रही है। पुलिसवाले दरवाजे के बाहर खड़े हैं। वीडियो में एसओ न्यू आगरा राजीव कुमार, एसआई अनुराग सिंह, एक अन्य दरोगा, महिला सिपाही और पुरुष सिपाही दिख रहे हैं। एक सिपाही भी अपने मोबाइल से वीडियो बना रहा है। पुलिसवाले सुनीता शर्मा से पूछते हैं, यह फ्लैट भी उनका है। सुनीता शर्मा जवाब देती हैं उनका क्यों है। डॉक्टर का है। उसके बाद सुनीता शर्मा की आवाज आती है ये लोग बिना किसी अनुमति के उनके घर में घुस आए हैं। दूसरी तरफ से आवाज आती है कि आपके पति के खिलाफ थाना न्यू आगरा में मुकदमा लिखा है। सुनीता शर्मा जवाब देती हैं कि यह तो उन्हें भी पता है। पुलिस क्या वारंट लेकर आई है। दूसरी तरफ से आवाज आती है कि अपने पति से बोल दें हाजिर हो जाएं या अपनी जमानत करा लें। पुलिस का दावा है कि जो वीडियो पुलिस ने बनाया था वह वायरल नहीं हुआ है। उस वीडियो में पुलिस लिफ्ट से नीचे जाती दिख रही है। वीडियो में सुनीता शर्मा की आवाज भी है। वह बोल रही हैं कि हो गई तसल्ली। देख लिया घर में कोई नहीं मिला न।

दस पर मुकदमा, दो ही क्यों निलंबित

दबिश का वीडियो वायरल हो रहा है। दबिश में कौन-कौन आया था यह अधिकारियों को पता है। थाने की जीडी में रवानगी होनी चाहिए। फुटेज से अभी तक पहचान हो जानी चाहिए थी। एसओ राजीव और दरोगा अनुराग सिंह को ही निलंबित किया गया है। अन्य पुलिस कर्मियों के नाम अभी तक उजागर क्यों नहीं किए गए हैं। उनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई क्यों नहीं हुई है। पीड़ित परिवार के लोगों ने यह सवाल भी उठाया।

गिरफ्तारी पर अड़े वकील नहीं करेंगे न्यायिक कार्य

अधिवक्ता सुनील शर्मा की मौत से अधिवक्ताओं में आक्रोश है। सोमवार को भी अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। उनकी एक ही मांग है पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी हो। हत्या का मुकदमा आसानी से पुलिस का पीछा नहीं छोड़ेगा। लोकसभा चुनाव के चलते चुनावी माहौल बनने लगा है। अधिवक्ताओं की एकजुटा से यह मामला और गरमा सकता है। दिवगंत अधिवक्ता के परिवारीजन भी आम नहीं है। भाई अधिकारी हैं।

गिरफ्तारी पर अड़े वकील नहीं करेंगे न्यायिक कार्य

दबिश में सुनील शर्मा की मौत ने अधिवक्ताओं को हिला दिया है। वे चाहते हैं कि इस मामले को शांत नहीं होने दिया जाए। चुनावी माहौल है। पूरी ताकत के साथ आंदोलन की रणनीति बनाई जाए। अपनी ताकत का अहसास कराने का समय है। समस्त तहसील बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं को अवगत कराया है कि सोमवार को भी वे न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। अधिवक्ता की हत्या हुई है। गिरफ्तारी की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे। यह जानकारी तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लाल बहादुर राजपूत ने दी है।

एमजी रोड पर उतरेंगे अधिवक्ता, तैयारी

जनमंच के अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह ने ऐलान किया कि आरोपी पुलिसकर्मी और साजिशकर्ता गिरफ्तार नहीं हुए तो सोमवार से अधिवक्ता एमजी रोड पर धरना देंगे। पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओं को एकजुट कर आंदोलन किया जाएगा। इसका जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा। उनकी मांगों को अविलंब माना जाए। रविवार को यूनाइटेड बार एसोसिएशन के सचिव अनूप शर्मा अपने साथियों के साथ रविवार को मंगलम आधार अपार्टमेंट पहुंचे थे। अधिवक्ताओं ने पीड़ित परिवार से कहा कि वे उनके साथ हैं। उन्होंने भी अपना साथी खोया है। जनमंच अध्यक्ष चौधरी अजय सिंह भी साथियों के साथ पहुंचे थे।



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