Wednesday, July 3, 2024
Google search engine
HomeNationalयेदियुरप्पा को नाराज नहीं कर सकती भाजपा, PM मोदी ने खुद की...

येदियुरप्पा को नाराज नहीं कर सकती भाजपा, PM मोदी ने खुद की मुलाकात, जानें कर्नाटक के लिए क्यों जरूरी हैं पूर्व सीएम


हाइलाइट्स

कर्नाटक में इसी साल होने हैं विधानसभा के चुनाव
पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को मनाने में जुटी भाजपा
हाल ही में येदियुरप्पा से पीएम मोदी ने की थी मुलाकात

नई दिल्ली: कर्नाटक (Karnataka Assembly Election 2023) में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा अपनी पार्टी के नेताओं को मनाने में जुट गई है. बीएस येदियुरप्पा भले ही अपना कोई कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए, लेकिन वे अभी भी भाजपा के लिए अपरिहार्य बने हुए हैं. राज्य में 2023 के चुनावों से पहले भाजपा को ये पता है कि राज्य में वापसी के लिए लिंगायत वोट बैंक बहुत जरूरी है. यही वजह है कि भाजपा बीएस येदियुरप्पा की लोकप्रियता का पूरा फायदा लेना चाहती है. भाजपा अपने सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली नेता येदियुरप्पा को शांत करके लिंगायत वोट बैंक को बरकरार रखने की उम्मीद कर रही है.

लिंगायत कर्नाटक में सबसे बड़ा समुदाय है और राज्य के वोटरों में इनकी आबादी लगभग 17-18 प्रतिशत के करीब है. हालांकि लिंगायत पारंपरिक रूप से बीजेपी के वोटर हैं, लेकिन इस बार पार्टी पुराने मैसूर क्षेत्र में भी वोट बैंक को लुभाने की कोशिश कर रही है, जहां वोक्कालिगा आबादी काफी ज्यादा है. कर्नाटक में वोक्कालिगा दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है और आबादी का 15-16 प्रतिशत के करीब है. येदियुरप्पा की इस क्षेत्र में भी काफी लोकप्रियता है.

प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद उठे थे सवाल
अभी हाल ही में 12 जनवरी को हुबली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रीय युवा महोत्सव कार्यक्रम को लेकर, मीडिया में अटकलों का यह दौर जारी था कि येदियुरप्पा को मंच साझा करने के लिए क्यों नहीं आमंत्रित किया गया. कर्नाटक भाजपा ने दावा किया कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि यह एक सरकारी कार्यक्रम था. यह दर्शाता है कि राज्य भाजपा इकाई के भीतर सब ठीक नहीं है. इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि राजनीतिक ताकतवर व्यक्ति के खिलाफ एक अंदरूनी विरोध भी है. इस बात की चर्चा भी तेज है कि भाजपा का एक वर्ग 2023 के लिए विधानसभा चुनाव प्रचार का नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री को देने के लिए उत्सुक नहीं है.

नाराज येदियुरप्पा ने कई बार राज्य इकाई द्वारा नजरअंदाज किए जाने के केंद्र को पर्याप्त संकेत दिए थे. प्रधानमंत्री ने 17 जनवरी को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के मौके पर येदियुरप्पा से 15 मिनट के लिए दिल्ली में मुलाकात करके बिगड़े माहौल को शांत करने का प्रयास किया. कहा जाता है कि राजनीतिक दिग्गज ने कर्नाटक में ‘स्थिति’ के बारे में बात की थी और पीएम मोदी को एससी/एसटी आरक्षण के वादों से लिंगायतों को परेशान होने के बारे में भी जानकारी दी थी. कर्नाटक भाजपा के एक नेता ने News18 को बताया, “येदियुरप्पा जी ने अगले महीने शिवमोग्गा हवाई अड्डे का उद्घाटन करने के लिए पीएम को भी आमंत्रित किया.’

क्यों येदियुरप्पा भाजपा के लिए अपरिहार्य हैं
येदियुरप्पा को वस्तुतः कर्नाटक में भाजपा को खड़ा करने और 2008 में बहुमत से सरकार बनाकर भाजपा के कमल को खिलने का श्रेय दिया जाता है. किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले येदियुरप्पा को राज्य में नायक और किसानों के नेता के रूप में भी देखा जाता है. येदियुरप्पा आज तक जिस तरह का सम्मान और प्रशंसा प्राप्त करते हैं, कर्नाटक भाजपा में कोई अन्य नेता नहीं है. लेकिन बड़ी ताकत के साथ बड़े प्रतिशोध का डर भी रहता है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि आज सक्रिय राजनीति से दूर रहने के बावजूद येदियुरप्पा कम से कम 40 सीटों पर प्रत्यक्ष और करीब 80 सीटों पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डाल सकते हैं.

पढ़ें- भाजपा में अपने खिलाफ साजिश पर कर्नाटक के पूर्व CM बीएस येदियुरप्पा बोले- मैंने राज्य में पार्टी को…

आपको बता दें कि भाजपा द्वारा किए गए आंतरिक सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि पार्टी 80-85 सीटों पर मजबूत है और चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी और यहीं पर येदियुरप्पा एक बार फिर बिग हिटर साबित होंगे. इस फरवरी में 80 वर्ष के होने वाले भाजपा के मजबूत नेता को जुलाई 2021 में पार्टी के नियम के अनुसार मुख्यमंत्री की कुर्सी से बाहर कर दिया गया था कि 75 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को युवा नेताओं के लिए रास्ता बनाना होगा. जिसके बाद बसवराज बोम्मई ने येदियुरप्पा की जगह ली.

” isDesktop=”true” id=”5252151″ >

CM बोम्मई के प्रदर्शन से नहीं खुश है भाजपा
भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि पार्टी आलाकमान सीएम बोम्मई के प्रदर्शन से खुश नहीं है. जैसे-जैसे 2023 के विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस कठोर सच्चाई के प्रति जाग गया है कि येदियुरप्पा अभी भी उनके शस्त्रागार में एकमात्र बड़ा हथियार हैं. यही वजह है कि भाजपा उन्हें किसी हाल में नाराज नहीं करना चाहती.

Tags: Assembly election, BS Yediyurappa, Karnataka, Narendra modi



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments