Sunday, September 15, 2024
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ये रोटी स्वाद ही नहीं, सेहत में भी है बेमिसाल, शुगर-कोलेस्ट्रॉल को गलाकर बाहर निकालती है, वजन पर भी लगाम


हाइलाइट्स

जब बेसन को छिलके के साथ पिसा जाता है तो इसमें फाइबर की मात्रा और बढ़ जाती है.
बेसन हार्ट को हेल्दी बनाता है और कोलेस्ट्रॉल को कम कर देता है

Besan controls Diabetes: बेसन को आमतौर पर चने को पीसकर बनाया जाता है. काला या भूरा चना इसके लिए मुफीद चीज है. हालांकि कुछ जगहों पर सफेद चना यानी छोले का इस्तेमाल भी बेसन बनाने में किया जाता है. ये सभी फलीदार पौंधे हैं जिनसे एक ही तरह के पौष्टिक तत्व मिलते हैं. हालांकि बेसन के लिए भूरा चना सबसे उत्तम है. बेसन बेहद पौष्टिक खाद्य पदार्थ है. बेसन जितना खाने में स्वादिष्ट होता है उतना ही यह कई बीमारियों से हमें बचाता है. बेसन में पर्याप्त मात्रा में फाइबर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, पोटैशियम, कैल्शियम आदि तत्व पाए जाते हैं जो हार्ट की सेहत के लिए बहुद मददगार है. यह डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर को गलाकर शरीर से बाहर करने की क्षमता रखता है. बेसन गंदा कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी बहुत कम कर देता है.

बेसन से आप कई चीजें बना सकते हैं. बेसन सत्तू, अंडा, सब्जी आदि बनाया जा सकता है. अगर आप डायबेटिक हैं या हार्ट की परेशानी हैं तो आप नियमित रूप से बेसन की रोटियों का सेवन करें. इससे आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल कम हो जाएगा और ब्लड शुगर लेवल भी नीचे आ जाएगा.

बेसन से ब्लड शुगर कम होता है
रेडक्लिफलैब के मुताबिक बेसन का जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. इसलिए यह ब्लड शुगर को खून में बढ़ने नहीं देता है. जिससे डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर को मैनेज करने में बहुत आसानी होती है. बेसन में मौजूद डाइट्री फाइबर और प्रोटीन शुगर को घटाने में और मदद करता है. यह सब मिलकर कार्बोहाइड्रेट के अवशोषण को बहुत धीमा कर देता है जिसके कारण खून में शुगर की मात्रा बढ़ती ही नहीं. एक अध्ययन के मुताबिक खाने के बाद यदि बेसन या काले चना का सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर लेवल 36 प्रतिशत तक कम हो जाता है.

हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता
बेसन में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है जो ब्लड प्रेशर को कम करने में सहायक है. इससे हार्ट डिजीज के जोखिम को कम किया जा सकता है. चूंकि बेसन में सॉल्यूबल फाइबर मौजूद रहता है. सॉल्यूबल फाइबर ट्राईग्लिसेराइड्स और एलडीएल यानी गंदा कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. यही कारण है कि हार्ट डिजीज से पीड़ित मरीज को बेसन या काला चना खाने की सलाह दी जाती है.



वजन को कम करता

सौ ग्राम चना में 12 ग्राम डायट्री फाइबर होता है. जब बेसन को छिलके के साथ पिसा जाता है तो इसमें फाइबर की मात्रा और बढ़ जाती है. अधिक मात्रा में फाइबर होने के कारण यह पेट को बहुत देर तक भरा हुआ महसूस कराता है. इसलिए भूख कंट्रोल रहती है. डाइट्री फाइबर पाचन को भी धीमा कर देता है. इसके अलावा इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को संपूर्ण पोषण देता है. यही कारण है कि बेसन की रोटियां वजन कम करने में बहुत फायदेमंद है.

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Tags: Health, Health tips, Lifestyle



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