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विशाल कुमार/छपरा. समोसा का नाम सुनते ही जीभ में पानी आने लगता है. ये देश के हर कोनो में मिलता है. जगह के हिसाब से इसमें कई वैरायिटी भी है.इसका साइज भी कई जगहों पर अलग-अलग है. आज बात होगी ‘पहलवान छाप समोसा’ की. यह समोसा काफी खास है. इस समोसे का साइज इतना बड़ा है कि पूरे शहर में इसकी चर्चा है. यह दुकान 100 साल पुरानी है. समोसे की साइज बड़ा होने के साथ-साथ काफी स्वादिष्ट भी है.जहां खाने वालों की भीड़ हमेशा लगी रहती है. यह दुकान छपरा शहर के साढा ढाला ओवर ब्रिज के पास जो सड़क शिल्पी सिनेमा सलेमपुर की तरफ जाती है उसी चौक पर है.
दुकानदार शशि गुप्ता ने बताया कि पहलवान समोसा काफी नामी है. यह छपरा को लोगों की जुबान पर चढ़ा हुआ है. इस समोसे में कई प्रकार के मसाले डाले जाते हैं. इसके बाद ये स्वादिष्ट समोसा हमारे यहां बनाए जाते हैं. साइज भी काफी बड़ा रहता है. जो छपरा में कहीं पर नहीं मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि एक समोसा 10 रुपया में दिया जाता है. 2 समोसा खाने के बाद लोगों का पेट भर जाता है. दुकानदार शशि ने आगे बताया की उनके पिता के द्वारा यह दुकान चलाई जाती थी. अब वो और उनके बेटे के सहयोग से चलाया जा रहा है. यह 100 साल पुरानी दुकान है
50 सालों से वहीं स्वाद है बरकरार
आपको बताते चलें कि यह दुकान काफी पुराना है. जहां 50 वर्ष पहले समोसा का सवाद जो मिल रहा था. वहीं स्वाद आज भी लोगों को इस दुकान से मिल रहा है. जिस वजह से लोग यहां समोसा खाने के लिए दूर-दूर से आते हैं. जो एक बार यहां का समोसा चख लेता है, वह दोबारा यहां समोसा चखने के लिए आता है.समोसा खाने के लिए पहुंचे ग्राहक वीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैं बहुत पहले से यहां समोसा खा रहा हूं. जो पहले मिलता था, उसकी क्वालिटी का समोसा आज भी मिलता है. उन्होंने कहा कि इस साइज का समोसा पूरे छपरा में नहीं मिलता है.
ऐसे तैयार होता है समोसा
दुकानदार शशि ने बताया की समोसे में मसाला, जायफल, इलायची, जीरा पाउडर, लाल मिर्ची डालकर बनाया जाता है. वहीं इसके साथ दो तरह की चटनी दी जाती है. पहली मीठी चटनी और दूसरी धनिया पत्ता, लहसुन और हरी मिर्च वाली हरी चटनी, दुकानदार ने बताया की लोगों को इसका स्वाद इतना पसंद है कि रोजाना 1000 पीस समोसा बिक जाता है.
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FIRST PUBLISHED : June 06, 2023, 11:12 IST
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