सौरभ तिवारी/गोपालगंज. लजीज खान-पान के मामले में बिहार के गोपालगंज जिला का कोई सानी नहीं है. यहां आपको हर तरह के डिश बेहतर स्वाद के साथ खाने के लिए मिल जाएंगे. आज आपको गोपालगंज की एक फेमस मिठाई से रूबरू करवाने जा रहे हैं. जिसकी डिमांड गोपालगंज सहित आस-पास के जिले में भी है. जी हां हम बात कर रहे हैं बेहद खास मिठाई जलेबी की. यहां की जलेबी सबसे अलग है.
इस खास जलेबी को खाने के लिए गोपालगंज जिला मुख्यालय से हटकर चन्द्रगोखूल रोड जाना होगा. यह दुकान काफी पुरानी है और दुकानदार सन्नी कुमार दीपक स्वीट्स के नाम से दुकान चलाते हैं. इस खास जलेबी को खाने और खरीदने के लिए लोग दिनभर आते रहते हैं.
बेहद खास है खोआ और छेना से बनी जलेबी
स्थानीय लोगों की माने तो दीपक स्वीट्स के जलेबी का कोई तोड़ नहीं है. इनके जलेबी का डिमांड दूर-दूर तक है. दुकान के मालिक सन्नी कुमार ने बताया कि पिता ने जिस मिठाई की दुकान को शुरू किया था, उसे आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इस जलेबी को बनाने में खोवा और छेना का मिश्रण करते हैं. यह जलेबी बनाना भी बेहद आसान है. आप चाहें तो अपने घर में भी इस जलेबी को बना सकते हैं. इसके लिए, सबसे पहले दूध को कड़ाही या पतीला में गर्म कर उससे छेना निकाल लेना है. उसी तरह दूध को खौलाकर खोआ भी निकाल सकते हैं. छेना और खोआ तैयार करने के बाद उसमें हल्का मैदा और सोडा, इलाईंची, जायफर मिलाकर उसे मिक्स किया जाता है. इसके बाद पहले इसे गर्म तेल में तला जाता है. इस तरह से खोआ और छेना वाला जलेबी तैयार हो जाती है.
दो से तीन घंटे में खत्म हो जाती है 200 पीस जलेबी
दुकान के ऑनर सन्नी कुमाr ने बताया कि खोआ और छेना से तैयार जलेबी ज्यादा मात्रा में नहीं बनाते हैं. ग्राहकों के डिमांड के अनुसार जलेबी तैयार करते हैं. 200 पीस जलेबी दो से तीन घंटे में हीं समाप्त हो जाती है. ग्राहकों को 10 रिपये पीस के हिसाब से खिलाते हैं. उन्होंने बताया कि यहां जलेबी को बहुत ज्यादा कीमत में नहीं बेचा जाता है. अन्य जगहों पर तो खोआ और छेना युक्त जलेबी को 15 रुपये पीस या एक प्लेट में दो जलेबी देकर 25 रुपये तक दुकानदार ग्राहकों से लेते हैं.
क्यों है इतनी कम कीमत
कम रेट रखने के पीछे की वजह यह है कि यहां की जलेबी काफी प्रसिद्ध है और हर वर्ग के लोग खाने के लिए आते हैं. लोग खाने के अलावा पैक कराकर भी ले जाते हैं. इसलिए सभी का ख्याल रखते हुए कम मुनाफा कमाने के बावजूद लोगों को देते हैं. वहीं रोजाना जलेबी से 2 हजार तक कारेबार हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : May 29, 2023, 15:40 IST