Saturday, February 22, 2025
Google search engine
HomeNationalये है भारत का मिलिट्री गांव, स्कूल से ही से मिलती है...

ये है भारत का मिलिट्री गांव, स्कूल से ही से मिलती है सेना में जाने की ट्रेनिंग, हर परिवार में है एक सैनिक


India’s Military Village : भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा करना लाखों युवाओं का सपना है. बहुत से युवा भारतीय सेना में भर्ती की तैयारी के लिए दिन रात एक कर देते हैं. इसके बाद भी अपना यह सपना पूरा नहीं कर पाते. लेकिन भारत में ही एक ऐसा गांव है जिसके लगभग हर परिवार का एक सदस्य सेना में सेवा दे रहा है. यहां के युवाओं का सबसे बड़ा लक्ष्य भारतीय सेना में भर्ती होना है. इसीलिए तो इस गांव को ‘मिलिट्री गांव’ के नाम से जाना जाता है.

महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित इस गांव का नाम आपशिंगे है. इस गांव के लोगों का भारतीय सेना में जाने का सिलिसिला पीढ़ियों से चला आ रहा है. आपशिंगे गांव में कुल 350 परिवार रहते हैं. जिनमें करीब 3000 लोग हैं. यह अनोखा गांव सतारा शहर से महज 15 किलोमीटर दूर मौजूद है. इस गांव के इतिहास में दर्ज है कि इस गांव में जन्मे शूरमा देश के लिए अपनी जान दांव पर लगाते रहे हैं.

प्रथम विश्वयुद्ध में इस गांव के 46 जवान हुए थे शहीद

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

उत्तर प्रदेश

दिल्ली-एनसीआर

उत्तर प्रदेश

दिल्ली-एनसीआर

आपशिंगे गांव के लोग पीढ़ियों से सेना में भर्ती होते आ रहे हैं. इस गांव से प्रथम विश्वयुद्ध में 46 और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी 4 लोग शहीद हुए थे. तभी से इस गांव का नाम मिलिट्री आपशिंगे रख दिया गया था.. इसके साथ 1962 में हुआ भारत चीन युद्ध हो या पाकिस्तान के साथ हुई 1965, 1971 की जंग, इस गांव के बेटों ने सभी में देश के लि हंसते-हंसते अपनी जान दी है.

बच्चों को स्कूल में ही दी जाती है सेना में जाने की ट्रेनिंग

रिपोर्ट के अनुसार आपशिंगे गांव के बच्चों को स्कूल में ही सेना में जाने की ट्रेनिंग दी जाने लगती है. उन्हें परेड और ड्रिल का अभ्यास कराया जाता है. इस गांव की सैन्य परंपरा कुछ ऐसी है जैसे डॉक्टर का बेटा डॉक्टर, शिक्षक का बेटा शिक्षक और इंजीनियर का बेटा इंजीनियर बनता है. गांव के लोग सेना, एयरफोर्स, नेवी, बीएसएफ, सीआईएसएफ सहित सभी आर्म्ड फोर्सेज में विभिन्न पदों पर हैं.

अभी क्यों चर्चा में आपशिंगे गांव ?

सतारा जिले का मिलिट्री आपशिंगे गांव एक बार फिर चर्चा में है. दरअसल भारतीय सेना के दक्षिणी कमान प्रमुख जनरल कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार हाल ही में इस गांव में पहुंचे थे. यहां उन्होंने एक लर्निंग सेंटर और जिम का उद्घाटन किया था. बता दें कि पश्चिम महाराष्ट्र के जिलों के युवाओं को एक दिशा देने के लिए इस गांव में इंस्टीट्यूशनल सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (ISR) का सेटअप तैया किया गया है. इस पर करीब 80 लाख का खर्च आया है. यह सेटअप श्री शनमुखानंद ललित कला, संगीता सभा और दक्षिण भारतीय शिक्षा सोसाइटी के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया है.

ये भी पढ़ें 

Success Story: छोटे शहर की लड़की, IIT से पढ़ाई, मां का छूटा साथ, UPSC टॉपर्स लिस्ट में आया नाम

NEET Exam: हो गई नीट परीक्षा, कैसे मिलेगा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन? MBBS में कितनी सीटें हैं?

Tags: Indian Army news, Indian Army Pride Stories, Indian Army Recruitment



Source link

RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments