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ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त ने बुधवार को आईओए के तदर्थ पैनल के बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को एशियाई खेलों के चयन ट्रायल्स में छूट देने के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह पक्षपातपूर्ण कदम खेल के सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के तदर्थ पैनल के इस फैसले के बाद जूनियर पहलवान अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने भी पैनल की आलोचना करते हुए अदालत में इस फैसले को चुनौती दी।
योगेश्वर ने कहा, ”पिछले छह-सात महीनों से कुश्ती में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा। हम फिर से पहलवानों को सड़कों पर आते हुए नहीं देख सकते क्योंकि कुश्ती पहले ही इतनी शर्मसार हो चुकी है।” उन्होंने कहा, ”कल, तदर्थ समिति ने एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि एशियाई खेलों के चयन ट्रायल सभी 18 भार वर्गों में 22 और 23 जुलाई को कराये जाएंगे। लेकिन पैनल ने कहा कि 53 किग्रा और 65 किग्रा वर्ग में चयन हो चुका है। हालांकि उसने नामों का खुलासा नहीं किया। इससे बड़ा भ्रम पैदा हो गया।”
योगेश्वर ने कहा, ”तदर्थ समिति ने यह खुलासा नहीं करके पूरे देश को भ्रमित कर दिया है कि उन्होंने किसे चुना है। पूरी कुश्ती बिरादरी भ्रमित है। आपने कहा था कि चयन महासंघ के नियमों के अनुसार किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं है। ” उन्होंने कहा, ” सभी पहलवान निराश और भ्रमित हैं। ज्ञान सिंह, अशोक गर्ग और भूपिंदर सिंह बाजवा (तदर्थ पैनल प्रमुख) स्पष्ट कीजिये कि ट्रायल का आधार क्या है और छूट का आधार क्या है। ” योगेश्वर ने कहा, ”मैं आईओए अध्यक्ष पीटी ऊषा से अनुरोध करूंगा कि इस पर फैसला कीजिये और कुश्ती को बचाईये। यह अजीब फैसला है। इस फैसले में कोई पारदर्शिता नहीं है। मैंने अंतिम का वीडियो देखा, वह रो रही थी। मैं पहलवानों के साथ हूं।”