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हाइलाइट्स
शरद पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को प्रात: 04:17 एएम से 29 अक्टूबर को 01:53 एएम तक है.
शरद पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय के समय से ही प्रारंभ है.
शरद पूर्णिमा को रवि योग सुबह 06:30 बजे से 07:31 बजे तक है.
शरद पूर्णिमा आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है, इसे आश्विन पूर्णिमा भी कहते हैं. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद दान देने का विधान है. इससे पुण्य फल की प्राप्ति होती है. शरद पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, चंद्रमा और सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं. इससे सुख, समृद्धि, धन, वैभव, शांति आदि की प्राप्ति होती है. इस दिन रात के समय में खीर बनाकर खुले आसमान के नीचे रखते हैं ताकि उसमें चंद्रमा की अमृत गुणों वाली किरणें उसमें पड़ें. लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लगेगा, इस वजह से खीर नहीं रख पाएंगे. शरद पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं और सुबह से भद्रा लग रही है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं शरद पूर्णिमा पर बनने वाले शुभ योग, स्नान-दान समय, भद्रा के बारे में.
शरद पूर्णिमा 2023 की तिथि क्या है?
पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा की तिथि 28 अक्टूबर को प्रात: 04:17 एएम से 29 अक्टूबर को 01:53 एएम तक है. ऐसे में उदयातिथि और चंद्रोदय समय के आधार पर शरद पूर्णिमा या अश्विन पूर्णिमा 28 अक्टूबर को है. इस वजह से 28 अक्टूबर को ही व्रत, पूजा-पाठ और स्नान-दान किया जाएगा.
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शरद पूर्णिमा 2023 स्नान और दान मुहूर्त
शरद पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का शुभ मुहूर्त सूर्योदय के समय से ही प्रारंभ है. इस दिन सूर्योदय सुबह 06:30 बजे होगा. हालांकि स्नान और दान आप ब्रह्म मुहूर्त से भी कर सकते हैं. ब्रह्म मुहूर्त का समय 04:47 एएम से 05:39 एएम तक है.
शरद पूर्णिमा पर क्या दान करें?
शरद पूर्णिमा को स्नान करने के बाद दान करना चाहिए. इस दिन चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं का दान करना चाहिए. शरद पूर्णिमा पर चावल, खीर, दूध, शक्कर, मोती, सफेद कपड़ा आदि का दान कर सकते हैं. इसके अलावा उन फलों का दान कर सकते हैं, जो बाहर या अंदर से सफेद हों. इन वस्तुओं का दान करने से कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है.
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3 शुभ योग और रेवती नक्षत्र में शरद पूर्णिमा 2023
इस बार की शरद पूर्णिमा रेवती नक्षत्र और 3 शुभ योग में है. शरद पूर्णिमा को रवि योग सुबह 06:30 से 07:31 बजे तक है. वहीं वज्र योग प्रात:काल से लेकर रात 10:52 बजे तक है, उसके बाद से सिद्धि योग प्रारंभ होगा, जो अगले दिन सुबह तक है. शरद पूर्णिमा पर रेवती नक्षत्र सुबह 07:31 बजे तक है. उसके बाद से अश्विनी नक्षत्र है, जो अगले दिन 05:54 बजे तक है. शरद पूर्णिमा का अभिजित मुहूर्त 11:42 बजे
से दोपहर 12:27 बजे तक है.
शरद पूर्णिमा पर भद्रा और पंचक साथ
शरद पूर्णिमा के दिन भद्रा और पंचक सुबह से ही प्रारंभ हो रहे हैं. भद्रा सुबह 06 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजकर 02 मिनट तक है. सुबह 07 बजकर 31 मिनट तक भद्रा का वास धरती पर है, उसके बाद से भद्रा का वास स्थान स्वर्ग है. इस दिन पंचक सुबह 06:30 बजे से सुबह 07:31 बजे तक है.
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Tags: Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : October 27, 2023, 11:40 IST
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