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इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर लागू है. भारत का यह एहसान ही है, वरना अब तक पाकिस्तान मलबे में खुद को ढूंढ रहा होता. मगर, पाकिस्तान हार मानने के बावजूद भारत पर हमला करने की धमकी दे रहा है. अभी फिर से पाकिस्तान ने भारत को उकसाने की कोशिश की है.
दरअसल, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक (डीजी) लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने स्काई न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में चेतावनी दी कि अगर भारत ने युद्धविराम का उल्लंघन किया, तो उसका जवाब “तेज और जरूर” होगा. उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव “पारस्परिक विनाश” का कारण बन सकता है. दोनों तरफ परमाणु-सशस्त्र देश हैं.
किसी तीसरे की जरूरत नहीं
चौधरी ने फिर से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उछालने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर भारत, पाकिस्तान और चीन के बीच एक विवादित मुद्दा है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुसार इसे कश्मीरी लोगों की इच्छा से हल किया जाना चाहिए. भारत ने हमेशा इस दावे को खारिज किया है, यह कहते हुए कि कश्मीर उसका अभिन्न अंग है। इस पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है.
कश्मीरी लोगों की इच्छा….
चौधरी ने कहा, “जब तक कश्मीर का मुद्दा कश्मीरी लोगों की इच्छा के अनुसार हल नहीं होता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच शांति संभव नहीं है. यह 1947 के विभाजन का अधूरा एजेंडा है.” उन्होंने भारत पर “आतंकवाद का शिकार” होने का झूठा नैरेटिव बनाने का आरोप लगाया और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह भारत को ऐसा करने से रोके.
आतंकवाद के शिकार का बहाना करता है भारत
चौधरी ने कहा, “भारत साल दर साल आतंकवाद का शिकार होने का बहाना बनाकर कश्मीर को आंतरिक मुद्दा बताता है, जो गलत है.” उन्होंने यह भी जोड़ा, “जो कोई भी हमारी क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन करेगा, हमारा जवाब कड़ा होगा.” हालांकि, उन्होंने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान शांति चाहता है और उनके लोग सड़कों पर “विजय नहीं, बल्कि शांति का उत्सव” मना रहे हैं.
युद्धविराम के बाद बेतूका बयान
यह बयान ऐसे समय में आया है, जब 10 मई को दोनों देशों के बीच एक नाजुक युद्धविराम लागू हुआ था. यह युद्धविराम अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के बाद हुआ. हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे, जिसके लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. इसके बाद दोनों देशों ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिससे स्थिति गंभीर हो गई थी.
इस बयान से साफ है कि पाकिस्तान कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. लेकिन यह रणनीति दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कश्मीर पर किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा. यह स्थिति दोनों देशों के बीच शांति की राह में एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.
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