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Varun Gandhi News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद वरुण गांधी ने कहा कि वह राजनीति में उन लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं जो अपनी आवाज नहीं उठा सकते। पीलीभीत से सांसद गांधी यहां एक दिवसीय दौरे पर थे। इसके अलावा, वरुण ने निजीकरण को लेकर भी निशाना साधा।
उन्होंने पूरनपुर प्रखंड में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राजनीति में ”ईमानदारी” और ”स्वच्छता” की बहुत जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजनीति इस बात पर केंद्रित होनी चाहिए कि हम उन लोगों की आवाज बनें जो स्वयं अपनी आवाज नहीं उठा पाते और वह राजनीति में ऐसे लोगों की आवाज बनने के लिए आए हैं।
उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक वह राजनीति में हैं, समाज के कमजोर लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। अपने दौरे पर वरुण गांधी ने एआरटीओ दफ्तर के निर्माणाधीन परिसर का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोरोनाकाल का भी जिक्र किया और कहा कि उस समय तो संविधा कर्मियों के लिए बड़ी-बड़ी बातें बोली गई थीं, लेकिन शिक्षा मित्रों आशा बहुओं, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों समेत संविदा कर्मियों के मानदेय और स्थायी किए जाने को लेकर किए गए वादों को अब भुला दिया गया। संविदाकर्मी की जॉब कोई जॉब नहीं होती है। उन्होंने कहा कि वह न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे।
निजीकरण के खिलाफ फिर बोले वरुण
वरुण गांधी ने कई बार ऐसे बयान दिए हैं, जिसमें उन्होंने सरकार की योजनाओं की आलोचना की है। अग्निवीर योजना, निजीकरण, बेरोजगारी आदि को लेकर भाजपा सांसद बयान देते रहे हैं। अब एक बार फिर से उन्होंने निजीकरण के खिलाफ बोला है। वरुण ने पीलीभीत दौरे पर फिर से कहा कि वे निजीकरण के खिलाफ हैं। इसके पीछे वजह यह है कि जब सबकुछ बिक जाएगा तो गरीब के बच्चे अपना भविष्य कैसे बनाएंगे। वरुण ने पीलीभीत से रिश्ता राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक बताया।