अभिलाष मिश्रा/इंदौर: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्न इंसानों के भाग्य पलट सकते हैं. अगर प्रभावशाली रत्नों की बात की जाए तो उनमें नीलम प्रमुख है. इसे इसलिए भी खास माना गया है क्योंकि यह शनि का रत्न है. इस रत्न में इतनी शक्ति होती है कि यह धारण करने वाले को रंक से राजा बना सकता है. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, इस रत्न का शुभ फल तभी मिलता है, जब आपकी कुंडली में राजयोग हो. यह रत्न राजयोग को जागृत कर देता है. इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित कपिल महाराज बताते हैं कि नीलम शीघ्र फल देने वाले रत्नों में से एक है.
नीलम को शनि का रत्न कहा जाता है, इसलिए शनि के रत्न को धारण करने के लिए व्यक्ति की लंबी सोच होनी चाहिए. क्योंकि शनि निर्णायक देवता कहे गए हैं. जिन भी व्यक्तियों की निर्णय लेने की क्षमता कमजोर है या जो भी व्यक्ति सही समय पर सही निर्णय नहीं ले पाते, उन व्यक्तियों को नीलम धारण करना चाहिए. नीलम रत्न धारण करने से व्यक्ति की सोच विस्तृत होती है. आगे बताया कि कुछ कर गुजरने की चाहत रखने वाले महत्वाकांक्षी लोग जब नीलम धारण करते हैं तो जीवन में एक नाम और मुकाम हासिल कर पाते हैं.
इनके लिए शुभ है नीलम
नीलम शनि की राशि के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. मकर और कुंभ राशि वालों के लिए नीलम धारण करना अतिशुभ है. वही सिंह राशि वालों को कभी नीलम धारण नहीं करना चाहिए, अन्यथा उनका पतन प्रारंभ हो जाता है. सिंह राशि वाले भूलकर भी नीलम न धारण करें. वहीं, तुला राशि वालों के लिए भी नीलम शुभ फल देता है.
कब धारण करें नीलम
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि अन्य राशि के जातकों को नीलम धारण करने के लिए अपनी पत्रिका का अध्ययन विशेषज्ञ से करवाना चाहिए, जिसके बाद ही वह उसे धारण करें. अगर आपकी पत्रिका में राजयोग है, जिसका शनि से संबंध बन रहा है तो नीलम अवश्य धारण करना चाहिए. नीलम उस राजयोग को जागृत कर देता है.
नीलम धारण करने के नियम
1. नीलम को हमेशा मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए, क्योंकि मध्यमा उंगली के ठीक नीचे शनि पर्वत होता है.
2. नीलम खरीदने के बाद तुरंत उसे धारण नहीं करना चाहिए. उसे पहले कुछ दिन अपने पास रखना चाहिए. जैसे सोते समय पास में रखकर सोएं या ताबीज की तरह दाएं हाथ में बांध लें. उसके प्रभाव स्वपन या कुछ घटनाओं के रूप में आपको दिखने लगेगा. यदि प्रभाव और स्वप्न शुभ हैं तो इसका मतलब वह नीलम आपके लिए शुभ होगा.
3. नीलम को शनिवार के दिन ही धारण करना चाहिए. उस दिन के अच्छे मुहूर्त में ही इस पत्थर को धारण करें.
4. नीलम को सोने की अंगूठी में मध्यमा उंगली में धारण करें.
5. नीलम धारण करने से पहले उसकी पूजा पंचोपचार विधि से करें.
6- नीलम को धारण करने के लिए शनि के मंत्र का जप करें. नीचे तीन मंत्र दिए गए हैं, इनमें से कोई भी एक मंत्र का पाठ कर आप नीलम धारण कर सकते हैं.
– ऊं शन्नो देवीरभिष्टयआपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिस्रवन्तु नः।
– ऊंओम सम शनिश्चराय नमः
– ऊं नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2023, 07:01 IST