राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में नामांकन के अंतिम दिन संजय सेठ को आठवें प्रत्याशी के रूप में उतार कर सभी को चौंका दिया। ऐसे में दस सीटों पर होने वाले चुनाव में 11 प्रत्याशी हो गए हैं। अगर किसी ने नाम वापस नहीं लिया तो मतदान कराना होगा। संजय सेठ ने अपने नामांकन के साथ जो हलफनामा लगाया है उसके अनुसार वह 127 करोड़ 44 लाख 78 हजार के मालिक हैं। उनके पास हाथ में नकदी, बैंक खातों में जमा, शेयर, बांड के रूप में 1,44,43,081 हैं। उनकी पत्नी के हाथ में नकदी, बैंक खातों में जमा, शेयर बांड-1,12,45,159 है। उनके संयुक्त परिवार के नाम नकदी, बैंक खातों में जमा, शेयर बांड के रूप में 17,060540 है।
संजय सेठ के नाम पर पर्सनल लोन, अग्रिम व अन्य देनदारियां 26,49,51,184 की हैं। पत्नी के नाम पर्सनल लोन, अग्रिम व अन्य देनदारियां 2,46,58,981 की हैं। उनकी खुद की कुल चल सम्पत्ति 12,50,91,218 की है। पत्नी की कुल चल सम्पत्ति 16,91,21,43 की है। स्वयं की कुल अचल सम्पत्ति 55,75,00,000 की है। पत्नी के नाम कुल अचल सम्पत्ति 21,30,00,000 की है।
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संजय के लिए बंद कमरे में प्रदेश अध्यक्ष व दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने सहयोगी दलों संग की चर्चा
लखनऊ। भाजपा द्वारा आठवां प्रत्याशी उतारने की व्यूह रचना दिल्ली में हुई। संजय सेठ बीते कई दिनों से दिल्ली में लॉबिंग में जुटे थे। पार्टी सूत्रों की मानें तो मंगलवार को देर रात उन्हें सकारात्मक संकेत मिलने लगे थे। मगर वो वहीं डटे रहे। बुधवार को हरी झंडी मिलने के बाद ही उन्होंने लखनऊ की फ्लाइट पकड़ी।
दिल्ली दरबार से देर रात संदेश पार्टी के प्रदेश नेतृत्व तक भी पहुंच गया। तब आनन-फानन में गुरुवार की सुबह नामांकन कराने का कार्यक्रम तय किया गया। नामांकन के साथ ही पार्टी ने सहयोगी दलों संग आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए कवायद भी शुरू कर दी।
नामांकन के बाद सभी लोग विधान भवन स्थिति भाजपा के विधानमंडल कार्यालय पहुंचे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, उपमुख्यमंत्री द्वय केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, अपना दल (एस) के आशीष पटेल और निषाद पार्टी के डा. संजय निषाद संग बंद कमरे में बातचीत की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद, स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला व अनूप गुप्ता भी मौजूद रहे। सहयोगी दलों संग चर्चा के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ भी बंद कमरे में आगामी रणनीति पर बातचीत की। हालांकि रालोद अभी घोषित रूप से एनडीए का हिस्सा नहीं बना है सो उससे अलग से बात की जाएगी।