नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव से पहले देश के 15 राज्यों में राज्यसभा चुनावों के लिए मंच तैयार है. इस चुनाव में 56 राज्यसभा सीटों पर नए सदस्य मिलने थे, जिनमें से 41 पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं. ऐसे में बाकी बची 15 सीटों पर आज सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक वोटिंग होगी. इसके बाद शाम 5 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी और देर शाम तक नतीजे सामने आ जाएंगे.
चुनाव आयोग ने पिछले महीने जिन 56 सीटों के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी, उनमें से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा और नई पार्टी में शामिल हुए अशोक चव्हाण और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और एल मुरुगन सहित 41 सीटें निर्विरोध चुनी गईं. ऐसे में उत्तर प्रदेश की बाकी 10, कर्नाटक की 4 और हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक की 1 सीट पर आज मतदान होगा.
बीजेपी को फायदे की उम्मीद
राज्यसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी के पास 56 में से 28 सीटें हैं- जिसमें पार्टी विधायक किरोड़ी लाल मीना द्वारा खाली की गई एक सीट भी शामिल है, जो अब राजस्थान में मंत्री बन गए हैं. इस चुनाव के बाद उसके पास कम से कम 29 सीटें होंगी. वहीं उत्तर प्रदेश में विपक्षी इंडिया गठबंधन को दो सीटों का फायदा हो सकता है, क्योंकि सपा को अपनी सीटों की संख्या एक से बढ़कर तीन होने की उम्मीद है.
इस चुनाव में कांग्रेसशासित दो राज्यों की तीन सीटों और उत्तर प्रदेश की एक सीट पर कड़ा मुकाबला है. सूत्रों ने संकेत दिया है कि विपक्षी विधायकों द्वारा क्रॉस वोटिंग की पूरी संभावना है, जिस पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी कड़ी नजर रख रही है.
कर्नाटक में होटल भेजे गए सारे कांग्रेस विधेयक
कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव से एक दिन पहले कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को होटल भेज दिया है. यहां कांग्रेस की तरफ से अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर, जबकि बीजेपी की तरफ से नारायण बंदगे और जेडीएस से कुपेंद्र रेड्डी चुनाव मैदान में हैं.
यहां कांग्रेस के पास 134 विधायक, बीजेपी के पास 66 और जेडीएस के पास 19 विधायक हैं, जबकि चार अन्य विधायक हैं. चार अन्य विधायकों में से, कांग्रेस दो निर्दलीय और सर्वोदय कर्नाटक पक्ष के दर्शन पुत्तनैया के समर्थन का दावा करती है तथा तीन सीटें जीतने को लेकर आश्वस्त है.
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कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव का माहौल तब दिलचस्प हो गया, जब बीजेपी-जेडीएस गठबंधन ने अपना दूसरा उम्मीदवार (कुपेंद्र रेड्डी) मैदान में उतारा, हालांकि गठबंधन चार में से केवल एक सीट जीतने की ताकत रखता है. ऐसे में ‘क्रॉस वोटिंग’ की आशंकाओं के बीच सभी पार्टियों ने मंगलवार को होने वाले मतदान के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है.
हिमाचल में भी कांग्रेस की मुश्किल
वहीं हिमाचल प्रदेश में भी सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपनी एकमात्र राज्यसभा सीट पर चुनाव के लिए अपने विधायकों को व्हिप जारी किया है- एक ऐसा कदम जिस पर भाजपा ने नाराजगी जताई है. हिमाचल में कांग्रेस को अपने एकमात्र उम्मीदवार एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. उनके खिलाफ बीजेपी ने अपनी कोर कमेटी के सदस्य हर्ष महाजन को मैदान में उतारा है.
कांग्रेस के पास जहां 40 विधायकों के साथ स्पष्ट बहुमत है, वहीं बीजेपी के पास 25 सदस्य हैं. तीन विधायक निर्दलीय हैं जिनमें से दो बीजेपी के बागी हैं. सूत्रों ने कहा कि भाजपा की नजर अब असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों को अपने पाले में करने पर है. यह चुनाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई होने की उम्मीद है, जिन्होंने पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद राज्य की कमान संभाली थी.
सपा को सता रहा क्रॉस वोटिंग का डर
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के कम से कम 10 विधायक क्रॉस वोटिंग के लिए तैयार हैं. यहां सत्तारूढ़ बीजेपी और सपा के पास सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने का आंकड़ा है. लेकिन बीजेपी ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में पूर्व सपा सदस्य और उद्योगपति संजय सेठ को मैदान में उतारकर दांव बढ़ा दिया.
राज्य के हर उम्मीदवार को निर्वाचित होने के लिए लगभग 37 प्रथम वरीयता वोटों की आवश्यकता होती है. बीजेपी के नेताओं ने दावा किया है कि सपा के कम से कम 10 विधायक उनके संपर्क में हैं.
सपा ने अभिनेता-सांसद जया बच्चन, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी आलोक रंजन और दलित नेता रामजी लाल सुमन को मैदान में उतारा है. इस निर्णय ने स्पष्ट रूप से अपने सहयोगी अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल को अलग-थलग कर दिया है, जिन्होंने पहले कहा था कि वह मतदान नहीं करेंगी क्योंकि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को मैदान में उतारने के निर्णय से सहमत नहीं हैं.
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FIRST PUBLISHED : February 27, 2024, 07:40 IST