
5 Habits to Prevent Heart Attack: हार्ट डिजीज के कारण दुनिया भर में सबसे ज्यादा मौतें होती है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक 2023 में कार्डियोवैस्कुलर डिजीज CVDs के कारण विश्व में 1.79 करोड़ लोगों की मौत हुई है. यह आंकड़ा दुनिया भर के लिए चिंता का कारण है. आंकड़ों के मुताबिक इन मौतों में से 85 प्रतिशत मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक की वजह से हुईं. यानी हार्ट डिजीज में हार्ट अटैक और स्ट्रोक सबसे ज्यादा गंभीर बीमारी है. आए दिन आपने भी कई खबरें सुनी होगी ये देखी होगी कि लोग डांस करते-करते गिर जाते हैं और हार्ट अटैक से मौत हो जाती है.
अमेरिकी डॉक्टर की बड़ी बात
न्यूयॉर्क के बोर्ड-सर्टिफाइड इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर डॉ. वासिली एलीओपोलस जिन्हें डॉ. वास के नाम से जाना जाता है ने सोशल मीडिया पर कहा है कि दिल की बीमारियां रातों-रात नहीं होती. इसके लिए लंबा वक्त लगता है. इसलिए यदि आपको हार्ट अटैक से बचना है तो इसे होने ही न दें. इससे बचने का तरीका भी बेहद सिंपल है. रोजाना की आदतों में कुछ आदतों को जोड़ना होता है. डॉ. वास अपने इंस्टाग्राम पेज पर कहते हैं कि अधिकांश हार्ट अटैक अचानक नहीं होते. ये धीरे-धीरे उन आदतों के कारण होते हैं जिनके बारे में आपको पता तक नहीं होता कि वे आपके लिए नुकसानदायक हैं. अगर आप कभी भी हार्ट अटैक से अचानक नहीं फंसना चाहते है तो अपनी जिंदगी में ये पांच स्वस्थ आदतें जरूर अपनाएं.
इन 5 आदतों को अपनाएं
1. खाना खाने के बाद 10 मिनट की तेज वॉक-डॉ. वास ने बतया कि खाना खाने के बाद तेज़ चलना हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकता है. एक रिसर्च के अनुसार खाने के बाद 10 मिनट की तेज़ वॉक से ब्लड शुगर की बढ़ोतरी को कम किया जा सकता है. ब्लड शुगर की बढ़ोतरी सूजन और धमनियों में प्लाक बनने का कारण बनती है, जो हार्ट डिजीज के मुख्य कारक हैं. डॉ. वास ने कहा, खाना खाने के बाद सिर्फ 10 मिनट की वॉक से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. अध्ययन भी इस बात को साबित करते हैं कि भोजन के बाद टहलने से ग्लूकोज नियंत्रण बेहतर होता है और कार्डियोवैस्कुलर खतरे घटते हैं.
2.ओमेगा-3 फैटी एसिड-दिल की सेहत के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना बहुत जरूरी है. डॉ. वास सुझाव देते हैं कि सैल्मन मछली खाएं या उच्च गुणवत्ता वाले ओमेगा-3 सप्लीमेंट लें. उन्होंने कहा, कि जंगली सैल्मन मछली या ओमेगा-3 सप्लीमेंट ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने, रक्तवाहिनियों की सूजन घटाने और धमनी की सख्ती कम करने में मदद करते हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन भी कहती है कि ओमेगा-3 ट्राइग्लिसराइड्स को कम करता है और कोरोनरी धमनी रोग के जोखिम को घटा सकता है. शोध यह भी बताते हैं कि ओमेगा-3 सप्लीमेंट कार्डियोवैस्कुलर इवेंट्स जैसे हार्ट अटैक या स्ट्रोक को कम कर सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारी है.
3. पर्याप्त नींद लें-दिल की सेहत के लिए नींद बेहद जरूरी है. डॉ. वास बताते हैं कि रात में 6 घंटे से कम सोना हार्ट अटैक के खतरे को 200 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है. रोजाना अच्छी नींद लेना उतना ही जरूरी है जितना कि आपकी ज़िन्दगी. नींद को प्राथमिकता दें और रोजाना आठ घंटे की गुणवत्तापूर्ण नींद लेने का लक्ष्य बनाएं. नींद की कमी हार्ट अटैक और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाती है.
4. प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करें- हर दिन प्लास्टिक के संपर्क में आना दिल की सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. डॉ. वास कहते हैं कि प्लास्टिक में पाए जाने वाले केमिकल्स जैसे फ्थेलेट्स सूजन और धमनी को नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के कंटेनर से फ्थेलेट्स निकलते हैं, जो हार्मोन को प्रभावित करते हैं, सूजन बढ़ाते हैं और समय के साथ धमनी की सख्ती का कारण बनते हैं. इसलिए खाना ग्लास कंटेनर में रखें. पानी को फिल्टर करें और कभी भी प्लास्टिक में खाना गर्म न करें. कई शोध बताते हैं कि फ्थेलेट्स के संपर्क में आने से कार्डियोवैस्कुलर जोखिम बढ़ता है.
5. नियमित ब्लड टेस्ट कराएं-हार्ट अटैक का खतरा लक्षण दिखने से कई साल पहले ही रक्त परीक्षण से पता चल सकता है. हालांकि सामान्य कोलेस्ट्रॉल टेस्ट से हार्ट के बारे में सब कुछ पता नहीं चलता. डॉ. वास ने सलाह दी है कि एडवांस मार्कर्स जैसे अपोलिपोप्रोटीन बी, लिपोप्रोटीन (ए), होमोसिस्टीन और हाई-सेंसिटिविटी CRP की नियमित जांच कराएं. उन्होंने कहा, ये टेस्ट सालों पहले ही आपके असली हार्ट अटैक जोखिम को दिखा सकते हैं. इसके लिए शायद दवाओं की जरूरत नहीं होगी बल्कि सही आदतें, सही डाटा और निरंतरता चाहिए होती है.