Home Life Style रात को ब्रश नहीं करते हैं? अचानक हार्ट अटैक का खतरा है ज्यादा, शुरू कर दें ये काम

रात को ब्रश नहीं करते हैं? अचानक हार्ट अटैक का खतरा है ज्यादा, शुरू कर दें ये काम

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रात को ब्रश नहीं करते हैं? अचानक हार्ट अटैक का खतरा है ज्यादा, शुरू कर दें ये काम

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Not Brushing at Night: क्या आप रात को ब्रश नहीं करते. अगर नहीं करते तो शुरू कर दीजिए. एक अध्ययन में कहा गया है कि रात को ब्रश नहीं करने की वजह से अचानक हार्ट अटैक का सामना करना पड़ सकता है.

रात को ब्रश नहीं करते हैं? अचानक हार्ट अटैक का खतरा है ज्यादा, शुरू कर दें ये

रात को ब्रश न करने से नुकसान.

Not Brushing at Night: हम में से अधिकांश लोग एक ही बार यानी सुबह में ब्रश करने के आदी है लेकिन एक अध्ययन में दावा किया गया है कि रात को ब्रश न करना अचानक हार्ट अटैक को दावत देना है. हिरोशिमा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. इस अध्ययन को सर्कुलेशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है. अध्ययन के मुताबिक मसूड़ों की बीमारी पीरियडोंटाइटिस के लिए जिम्मेदार पोरफायरोमानास जिंजिवाइल्स बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है यही बैक्टीरिया अचानक हार्ट अटैक और स्ट्रोक से जुड़ी बीमारी एट्रियल फाइब्रिलेशन (AFib) के खतरे को बढ़ा सकता है.अध्ययन में पाया गया कि यह बैक्टीरिया ब्लड सर्कुलेशन में प्रवेश करके दिल तक पहुंच सकता है और वहां फाइब्रोसिस पैदा कर सकता है. इससे दिल की संरचना बदल जाती है और इलेक्ट्रिक सिग्नल में रुकावट आती है.

बैक्टीरिया दिल के अंदर नुकसान पहुंचाता
हालांकि यह बात पहले से पता थी कि पीरियडोंटाइटिस से हार्ट डिजीज का खतरा है. नए अघ्ययन में पाया गया कि ऐसे लोगों में एट्रियल फाइब्रिलेशन का जोखिम 30 प्रतिशत तक अधिक है. एट्रियल फाइब्रिलेशन यानी AFib दिल से संबंधित गंभीर स्थिति है जिसमें हार्ट अटैक, हार्ट फेल्योर, स्ट्रोक जैसी जानलेवा परेशानी आम है. पिछले कुछ दशकों में इस तरह के मामलों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है. 2010 में 3.35 करोड़ लोग इन बीमारियों के शिकार हुए थे लेकिन 2019 में ऐसे मरीजों की संख्या 6 करोड़ तक पहुंच गई. पहले यह माना जाता था कि मसूड़ों में सूजन के कारण शरीर की इम्यूनिटी सक्रिय हो जाती है जिसके कारण मसूड़ों में सक्रिय प्रतिरक्षा कोशिकाएं कुछ रसायन छोड़ती हैं, जो रक्तप्रवाह में पहुंचकर शरीर के अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है.यानी पहले सिर्फ यही पता था कि मसूड़ों की बीमारी के कारण कुछ हानिकारक केमिकल खून में पहुंच जाता है लेकिन नए अध्ययन से पता चलता है कि इस बीमारी में सिर्फ केमिकल ही नहीं बल्कि बैक्टीरिया खुद भी शरीर के अन्य हिस्सों में पहुंच रहे हैं. ये बैक्टीरिया दिल की मांसपेशियों, वॉल्व और धमनियों की अंदरुनी परतों को नुकसान पहुंचाता है जिसके कारण हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.

शरीर के अन्य हिस्सों को भी नुकसान
जिंजीवाइटिस वाले बैक्टीरिया को दिमाग, लिवर और गर्भाशय में भी देखा जा चुका है लेकिन यह दिल में कैसे पहुंचता है, अभी इसकी जानकारी नहीं थी लेकिन नए अध्ययन में यह बात स्पष्ट हो गई है कि पी जिंजेवाइल्स बैक्टीरिया सीधे दिल के बाएं आलिंद तक पहुंच सकता है. इससे यह सिद्ध होता है कि पीरियडोंटाइटिस और AFib के बीच एक संभावित माइक्रोबियल कड़ी हो सकती है.अध्ययन के प्रमुख लेखक शुनसुके मियाउची ने कहा कि हालांकि पीरियडोंटाइटिस और AFib के बीच सीधा संबंध अब तक स्पष्ट नहीं है लेकिन बैक्टीरिया का रक्त के जरिए फैलाव इन दोनों स्थितियों को जोड़ सकता है. उन्होंने आगे कहा कि पी जिंजीवाइल्स बैक्टीरिया न केवल मसूड़ों की बीमारी में बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों में भी गंभीर प्रभाव डालने में सक्षम है.

अचानक हार्ट अटैक से कैसे बचें
चूंकि यह साबित हो चुका है कि दांतों की बीमारी के कारण हार्ट अटैक का खतरा है, इसलिए रोज रात में नियमित रूप से ब्रश करें. दिन में एक बार फ्लॉसिंग जरूर करें. फ्लॉसिंग का मतलब दांतों के बीच से गंदगी को धागे से हटाना. वहीं रेगुलर डेंटल चेकअप कराते रहें. यदि मसूड़े स्वस्थ है तो पी जिंजेवाइल्स जैसे बैक्टीरिया का शरीर में प्रवेश करने का रास्ता बंद हो सकता है. याद रखें दिन में दो बार ब्रश करें, सॉफ्ट ब्रिसल वाले टूथब्रश और फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का इस्तेमाल करें. हर बार दो मिनट तक ब्रश करें. हर तीन-चार महीने में टूथब्रश बदलें. टूथब्रश के तार अगर उससे पहले खराब हो चुके हैं तो उस स्थिति में भी इसे बदल दें. माउथवॉश और टंग क्लीनर का उपयोग करें. मीठे खाद्य पदार्थों और ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और तंबाकू से बचें. हर छह महीने में डेंटिस्ट से चेकअप और सफाई कराएं.

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LAKSHMI NARAYAN

Excelled with colors in media industry, enriched more than 16 years of professional experience. Lakshmi Narayan contributed to all genres viz print, television and digital media. he professed his contribution i…और पढ़ें

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