Home National राममंदिर के निर्माण की तकनीक सि‍लेबस में शामिल होगी, पढ़ेंगे इंजीनियरिंग के छात्र; वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों ने बढ़ाया कदम 

राममंदिर के निर्माण की तकनीक सि‍लेबस में शामिल होगी, पढ़ेंगे इंजीनियरिंग के छात्र; वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों ने बढ़ाया कदम 

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राममंदिर के निर्माण की तकनीक सि‍लेबस में शामिल होगी, पढ़ेंगे इंजीनियरिंग के छात्र; वैज्ञानिकों-विशेषज्ञों ने बढ़ाया कदम 

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Ram Temple Construction: एक हजार साल तक सुरक्षित रहने के लिए राम मंदिर निर्माण को लेकर अपनाई गई आधुनिक तकनीक देश के इंजीनियरिंग संस्थानों के शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल की जाएगी। इसकी योजना राम मंदिर निर्माण से पहले ही उस समय बना ली गई थी जब राम मंदिर को एक हजार साल से अधिक समय तक प्रकृति के झंझावातों से बचाने के लिए वैज्ञानिक प्राचीनकाल की तकनीक की खोज कर रहे थे।

वैज्ञानिकों की समिति ने दिया था दस्तावेजीकरण का सुझाव

यह स्वीकारोक्ति श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी एवं उडप्पई स्थित पेजावर मठ पीठाधीश्वर जगद्गुरु माध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्न तीर्थ की है। वह बताते हैं कि इसके कारण राम मंदिर के वैज्ञानिकों की ओर से अलग-अलग प्रयोग करने की जरूरत पड़ी।

इस दौरान नींव के निर्माण में पहली तकनीक का प्रयोग फेल हो गया। पुन दूसरा प्रयोग किया गया और इस तकनीक पर प्राचीन वास्तु परम्परा के विशेषज्ञों की भी राय लेकर उनके सुझावों को शामिल करते हुए सफलतापूर्वक फाउंडेशन का निर्माण पूरा कराया गया। वह बताते हैं कि इस प्रयोग के लिए बनी समिति में आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो.वीएस राजू के अलावा आईआईटी सूरत व गुवाहाटी के निदेशकों के साथ सीबीआरआई, रुड़की के विशेषज्ञों समेत एलएंडटी और टाटा कंसल्टिंग के इंजीनियर्स शामिल थे। इसी समिति ने मंदिर निर्माण की तकनीक के दस्तावेजीकरण का सुझाव दिया था। श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ने वैज्ञानिकों की सलाह पर मंदिर निर्माण की तकनीक के दस्तावेजीकरण के लिए सबसे दूरदर्शन के साथ अनुबंध किया।

इस अनुबंध के बाद समतलीकरण से लेकर भूमि पूजन एवं फाउंडेशन और फिर शनै शनै आकार लेते मंदिर की एक-एक क्षण की तस्वीरें कैद की गयी है। इसके अलावा तकनीक के विषय को भी आडियो के जरिए रिकार्ड किया गया है। यहीं नहीं तीर्थ क्षेत्र ने अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से मंदिर निर्माण के इतिहास से लेकर निर्माण की भी स्क्रिप्ट तैयार की। इसके अतिरिक्त फिल्मांकन भी कराया जा रहा है।

भावी पीढ़ी के लिए डाक्यूमेंट्री भी की जा रही है तैयार

रामजन्मभूमि ट्रस्ट ने राम मंदिर के प्रमाणिक इतिहास से लेकर अदालतों में चले विवाद के दस्तावेजों का संकलन करा रही है। राम मंदिर आंदोलन की भी प्रमुख घटनाओं और चरणबद्ध योजनाओं की जानकारी का भी दस्तावेजीकरण कर रही है। इसके साथ राम मंदिर निर्माण की सम्पूर्ण तकनीक और इस ऐतिहासिक काम में लगी तकनीकी संस्थाओं की रिपोर्ट को लेकर पूरी डाक्यूमेंट्री का निर्माण करा रही है।

ट्रस्ट के न्यासी कामेश्वर चौपाल बताते हैं कि विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से निर्माण कार्य की वीडियोग्राफी का निर्णय पहले ही हो चुका था। विशेषज्ञों को भी जोड़ा गया है। इन विशेषज्ञों में इंदिरा गांधी कला प्रतिष्ठान दिल्ली के प्रो.सच्चिदानंद जोशी व अयोध्या राज परिवार के सदस्य एवं युवा साहित्यकार यतीन्द्र मोहन प्रताप मिश्र शामिल हैं। इस डाक्यूमेंट्री के लिए अमिताभ बच्चन अपनी आवाज भी दे रहे हैं।

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