सूरत को कारोबारियों का शहर कहा जाता है. यह अपने हीरे तराशने की कला के लिए दुनिया में चर्चित है. यहां कपड़े बनाने की भी तमाम मिले हैं. यहीं के एक कारोबारी ने पिछले दिनों देश भर में सुर्खियां बटोरी थी. इस कारोबारी में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के लिए एक-दो नहीं बल्कि पूरे 11 करोड़ रुपये का चंदा दिया है. अब गुजरात राज्य और केंद्र में सत्ताधारी भाजपा ने इस कारोबारी को खास तोहफा दिया है. भाजपा ने गुजरात राज्य से राज्यसभा के लिए जिन चार उम्मीदवारों की घोषणा की है उनमें एक नाम इस कारोबारी का भी है.
इस सूची में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गोविंद ढोलकिया, मयंक नायक और जसवंत सिंह परमार शामिल हैं. गोविंद ढोलकिया सूरत के कारोबारी हैं और उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ रुपये का दान दिया है. वह गुजरात के दुधला गांव के मूल निवासी हैं. उन्होंने 1964 में 17 साल की उम्र में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया और हीरा तराशने के लिए सूरत आ गए. इसके बाद उन्होंने कंपनी की स्थापना की और आज उनकी कंपनी रामकृष्ण एक्सपोर्ट्स सफलता के शिखर पर पहुंच गई है. वह एक बिजनेसमैन होने के साथ-साथ जनसेवा के कार्यों में भी काफी आगे रहे हैं.
11 करोड़ का दान
राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ का दान देने वाले गोविंद ढोलकिया की खूब चर्चा है. कहा जा रहा है कि भाजपा ने गोविंद भाई को राज्यसभा का टिकट देकर रिटर्न गिफ्ट दिया है. वहीं, पुरूषोत्तम रूपाला और मनसुख मंडाविया को राज्यसभा से बाहर कर दिया गया है.
प्यार से काका कहते लोग
7 नवंबर 1947 को गुजरात के दुधाला गांव में जन्मे गोविंद ढोलकिया का पालन-पोषण एक छोटे से घर में हुआ. सात भाई-बहनों वाले एक गरीब कृषक परिवार में पले-बढ़े, उनका बचपन विशेष सुविधाओं या गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बिना बीता. लोग उन्हें प्यार से काका के नाम से जानते हैं. उन्होंने 1964 में 17 साल की उम्र में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया. प्रारंभ में हीरे की कटाई एवं पॉलिश का कार्य किया. इसके बाद तीन दोस्तों ने मिलकर स्वतंत्र रूप से काम करने का फैसला किया. श्री रामकृष्ण नाम से एक निर्यात कंपनी बनाई जिसमें उन्होंने कच्चे हीरे के व्यापारी हीराभाई वाडीवाला के साथ व्यापार करना शुरू किया. तब से वह लगातार इस इंडस्ट्री में आगे बढ़े हैं और कई सेवा कार्य भी किए हैं.
सपने में भी नहीं सोचा था…
मीडिया से बात करते हुए गोविंद ढोलकिया ने कहा कि भगवान की कृपा से आज मुझे राज्यसभा में भेजने के लिए चुना गया. मैंने ऐसा सपने में भी नहीं सोचा था और मुझे इसका एहसास भी नहीं हुआ. सुबह 10 बजे अमित भाई का फोन आया कि आपको राज्यसभा भेजना है. तब मैंने उनसे कहा कि मैं राजनीति में नहीं हूं लेकिन अमित भाई ने मुझसे कहा कि राज्यसभा देश की सेवा करने का एक अवसर है. अमितभाई ने यह भी कहा कि उन्होंने, जेपी नड्डा सर और नरेंद्र मोदी सर ने मिलकर तय किया है कि आपको राज्यसभा का चुनाव लड़ना है.
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FIRST PUBLISHED : February 15, 2024, 04:10 IST