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श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के भव्य-दिव्य मंदिर की छटा दिन प्रतिदिन निखरती जा रही है। इस बीच रामलला के नवीन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा का अनुष्ठान मंगलवार को शुरू हो गया। बुधवार को दूसरे कलश यात्रा, कलश पूजन व तीर्थ पूजन के साथ रामलला के श्रीविग्रह का श्रीरामजन्म भूमि परिसर में ही परिभ्रमण कराया जाएगा। इसके पूर्व कलश यात्रा का शुभारम्भ अपराह्न सरयू तट से ही किया जाएगा लेकिन इस कलश यात्रा रुट चार्ट सार्वजनिक नहीं किया गया है। वैदिक आचार्य गजानन जोधकर ने बताया कि इस बारे में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के साथ तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारी जानकारी देंगे।
रामसेवकपुरम स्थित विवेक सृष्टि में मूर्तिकार पद्मश्री अरुण योगीराज की ओर से बनाए गये रामलला के श्रीविग्रह का वरण कर लिए जाने की घोषणा की गयी थी। इसी क्रम में अनुष्ठान का शुभारम्भ भी उसी स्थान से किया गया। काशी के विद्वान आचार्यों ने विग्रह निर्माण स्थल को कर्म कुटीर का नामकरण किया है। यहां यजमान व श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के न्यासी डा. अनिल मिश्र ने प्रायश्चित पूजन किया। इसके बाद उनका मुंडन संस्कार कराकर अनुष्ठान का संकल्प दिलाया गया।
इस पूजन को लेकर तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि महाराज ने बताया कि पहले दिन प्रायश्चित पूजन के लिए यजमान का शुद्धिकरण कर पूजन योग्य बनाने का वैदिक विधान है। इसके बाद वह सपत्नीक इस अनुष्ठान के अर्ह हो जाएंगे। इस कार्यक्रम के दौरान यहां तीर्थ क्षेत्र के न्यासी व जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती भी अयोध्या पहुंच गये और उन्होंने भी अनुष्ठान में अपना सानिध्य प्रदान किया।
राममय होने लगी रावण की ससुराल, श्रीराम के आने की हो रही खास तैयारी
विवेक सृष्टि में लगा ताला, मीडिया का प्रवेश रहा प्रतिबंधित
कर्म कुटीर अर्थात रामसेवकपुरम के विवेक सृष्टि में मंगलवार से शुरू हो रहे प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर देश भर से आए मीडिया कर्मियों का जमावड़ा सुबह से ही होने लगा था। यहां मीडिया कर्मियों की भारी तादाद को देखकर गेट पर ताला डलवा दिया गया। हाल यह रहा जब निर्धारित मुहूर्त में पूजन कराने के लिए आचार्यों की टोली पहुंची तो उनके लिए भी ताला नहीं खोला गया। अन्तत: आचार्य गण अपने वाहन से नीचे उतर आए और करीब आधे घंटे गेट पर खड़े रहे। इस दौरान उन्होंने कई लोगों को फोन किया तब जाकर गेट खोलकर उन्हे अंदर बुलाया गया। इन आचार्यों के आने के बाद प्रमुख यजमान डा. अनिल मिश्र भी पहुंचे और उन्हें भी दस मिनट प्रतीक्षा करनी पड़ी।
इस बीच मीडिया कर्मी डा. मिश्र ने बातचीत का प्रयास करते रहे। डा. मिश्र ने यजमान चुने जाने पर कहा कि यह मेरा सौभाग्य है और प्रार्थना करता हूं कि जिस पवित्र प्रयोजन के लिए मुझे चुना गया है, उसे निर्विघ्न पूरा कर सकूं। वहीं उनकी पत्नी उषा देवी ने इस मौके पर अपनी खुशी जताई है।
सजाया जा रहा अयोध्या हाईवे
मवई। रामलला प्राण प्रतिष्ठा के मद्देनजर लखनऊ- गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को लक- दक बनाने के लिए कूड़े के ढेर हटाए जा रहे हैं। हाइवे पर भक्तिपूर्ण माहौल का एहसास कराने के लिए जगह- जगह प्रभु श्रीराम की होर्डिंग लगाई जा रही है। 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर गांव-गांव में तैयारी दिखने लगी हैं। गांवों में सफाई अभियान के साथ मंदिरों व सरकारी संस्थानों को सजाने का कार्य शुरू हो चुका है।
हटाया गया अतिमक्रमण
मंगलवार को कई ग्रामसभाओं के प्रधान की ओर से हाइवे के किनारे प्रभु श्रीराम की होर्डिंग लगाई जा रही है।
प्रशासन की ओर से हाइवे के किनारे लगे कूढ़े के ढेर को जेसीबी से हटवाया जा रहा था। एनएचएआई की टीम हाइवे के बीच सफेद पट्टी बना रही। सीमा पर हाइवे पुलिस रामभक्तों का स्वागत करने में जुटी रही। हाइवे के किनारे राम पताका भी लगाए जा रहे हैं। जिसे लेकर लोगों में खासा उत्साह नजर आ रहा है। हाईवे के किनारे ढाबा, होटल, पेट्रोल पम्प व घरों पर राम पताका फहराने लगा है।
भोग के लिए आगरा से आया 56 किस्म के पेठा
अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले उनके लिए अनेक अमूल्य उपहार आ रहे हैं।आगरा के प्रसिद्ध पंछी पेठे की ओर से छप्पन अलग अलग स्वाद में भगवान के भोग के लिए 56 प्रकार का 560 किलो पेठा पहुंचाया गया है। इसके अलावा अन्य स्थानों से रत्न जड़ित पोशाक, चांदी की थाल,पूजा सामग्री आदि भी मंदिर ट्रस्ट को मिली है। आगरा व्यापार मंडल की ओर से लाया गया पेठा आरएसएस के रामजीलाल को दिया।
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