Home Life Style राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर परिवार सहित पढ़ें तुलसीदास रचित राम वंदना

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर परिवार सहित पढ़ें तुलसीदास रचित राम वंदना

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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर परिवार सहित पढ़ें तुलसीदास रचित राम वंदना

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अयोध्या में आज 22 जनवरी 2024 को भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा है. इसके बाद अगले ही यानी मंगलवार 23 जनवरी से आम आदमी के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे. बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर दर्शनों के लिए सुबह 7:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे तक खुला रहेगा. यह एक बार फिर खुलेगा और इसके बाद 2:00 बजे से 7:00 तक आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुला रहेगा.

दोपहर में करीब ढाई घंटे भोग व विश्राम के लिए मंदिर बंद रहेगा. मर्यादा पुरुषोत्तम राम की भक्ति से जुड़े अद्वितीय संगीत और लोकप्रिय राम भजन लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं. नीचे प्रस्तुत हैं गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित राम वंदना:

श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन
हरण भवभय दारुणं ।
नव कंज लोचन कंज मुख
कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥

कन्दर्प अगणित अमित छवि
नव नील नीरद सुन्दरं ।
पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि
नोमि जनक सुतावरं ॥२॥

Ram Mandir Wishes: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दिन दोस्तों-रिश्तेदारों को इन कोट्स, शायरी और संदेशों के जरिए दें शुभकामनाएं

भजु दीनबन्धु दिनेश दानव
दैत्य वंश निकन्दनं ।
रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल
चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥

शिर मुकुट कुंडल तिलक
चारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।
आजानु भुज शर चाप धर
संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥

इति वदति तुलसीदास शंकर
शेष मुनि मन रंजनं ।
मम् हृदय कंज निवास कुरु
कामादि खलदल गंजनं ॥५॥

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मन जाहि राच्यो मिलहि सो
वर सहज सुन्दर सांवरो ।
करुणा निधान सुजान शील
स्नेह जानत रावरो ॥६॥

एहि भांति गौरी असीस सुन सिय
सहित हिय हरषित अली।
तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि
मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥

॥सोरठा॥
जानी गौरी अनुकूल सिय
हिय हरषु न जाइ कहि ।
मंजुल मंगल मूल वाम
अङ्ग फरकन लगे।

Tags: Ayodhya, Kalyan Singh Ram Mandir, Ram Mandir

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