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राजधानी में विगत कई वर्षों से प्रकाशन का हब बने दरिया गंज की पहचान आजादी के कई सालों बाद तक शिक्षा केंद्र के रूप में थी। आज यहां सौ साल पुराने स्कूलों की संख्या राजधानी के किसी भी क्षेत्र से अधिक है।
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राजधानी में विगत कई वर्षों से प्रकाशन का हब बने दरिया गंज की पहचान आजादी के कई सालों बाद तक शिक्षा केंद्र के रूप में थी। आज यहां सौ साल पुराने स्कूलों की संख्या राजधानी के किसी भी क्षेत्र से अधिक है।
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