हाइलाइट्स
राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद बिहार की सियासत में हलचल तेज हुई.
अखिलेश यादव ने कांग्रेस से की क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका बढ़ाने की मांग.
JDU ने इशारों में नीतीश कुमार की पीएम पद की दावेदारी की बात उठाई.
पटना. राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की सदस्यता जाते ही देश में रीजनल पार्टियों की भूमिका बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. इस मांग शुरुआत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने की जब उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि कांग्रेस क्षेत्रीय पार्टियों को आगे कर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़े. अखिलेश के इस बयान के बाद बिहार की सियासत में भी सुगबुगाहट दिख रही है. खास तौर पर अखिलेश यादव के वक्तव्य के बाद जदयू खुश है. जदयू ने नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को लेकर भी बड़ा इशारा किया है.
दरअसल, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का एक बयान आया है जिसके बाद सियासत गर्मा गई है. उन्होंने कहा है कि अब जिम्मेदारी कांग्रेस की बनती है कि रीजनल पार्टी को आगे करे और उनके साथ खड़े हो, तब जाकर बीजेपी का मुकाबला हो सकता है. हमें सुझाव देना था और वह दे दिया है. यह मौका मिला है कि रीजनल पार्टी को आगे कर लड़ाई लड़ी जाए.
जाहिर है इस वक्त देश की राजनीति में इस बयान का बड़ा महत्व हो जाता है. इस बयान के बाद बिहार की सियासत में भी हलचल तेज हो गई है. भले ही नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल पर मना कर देते हैं और कहते हैं कि इस पद में उन्हें कोई रुचि नहीं है, लेकिन कई मौकों पर जदयू के कई बड़े नेता नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल पर इशारों में दावेदारी जता देते हैं.अखिलेश यादव के बयान के बाद जदयू की प्रतिक्रिया भी आई है.
आपके शहर से (पटना)
जदयू राष्ट्रीय महासचिव भगवान सिंह कुशवाहा कहते हैं कि ”वर्तमान में जो देश की राजनीतिक परिस्थितियां हैं, इसमें चाहे सत्ताधारी दल हो या विरोधी दल, इस हालात का मूल्यांकन कर अखिलेश जी ने एक अच्छा सुझाव दिया है. हम कांग्रेस से आग्रह करते हैं कि जितनी भी बीजेपी विरोधी पार्टियां हैं उनमें से नेता का चयन कर आगे बढ़ना चाहिए. मेरा मानना है कि नीतीश कुमार को इस परिस्थिति में आगे आना चाहिए. नीतीश जी ही एक ऐसा चेहरा है जो बीजेपी को शिकस्त दे सकता है.”
साफ है कि जदयू देश की सियासी हलचल पर पैनी निगाहे रखे हुए है. नीतीश कुमार भी लगातार कांग्रेस से मांग कर रहे हैं कि समय की पुकार है कि कांग्रेस 2024 की लड़ाई में पहल कर सारे विरोधी दलों को एकसाथ लाए, लेकिन कांग्रेस इस पर कोई जवाब नहीं दे रही है. लेकिन, अब जब राहुल गांधी की सदस्यता चली गई है, तब जदयू नीतीश कुमार को एक मजबूत दावेदार के तौर पर सामने लाना चाहता है. इसका इशारा भी जदयू की ओर से किया जाने लगा है.
वहीं, जदयू की प्रतिक्रिया पर कांग्रेस MLC प्रेमचन्द्र मिश्रा कहते हैं, ”हर पार्टी के नेता की अपनी-अपनी राय होती है. कौन क्या बोलता है इसका कोई मतलब नहीं. कांग्रेस लगातार बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है और हमारे नेता के विरुद्ध लगातार षड्यंत्र रचा जा रहा है. ऐसे में कांग्रेस के समर्थन में तमाम राजनीतिक पार्टियों को मिल कर लड़ाई लड़नी चाहिए.
दूसरी ओर राजद के प्रवक्ता शक्ति यादव कहते हैं कि तेजस्वी यादव जी लगातार कई महीनों से तमाम बीजेपी विरोधी पार्टियों को एक साथ आने का आग्रह कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी के बिना एक सशक्त विरोधी गठबंधन की कल्पना नहीं की जा सकती है. लेकिन, ये भी सच है कि जिन राज्यों में रीजनल पार्टियां मजबूत है उन्हें उन राज्यों में ड्राइविंग सीट पर बिठाना चाहिए. क्योंकि वर्तमान में जो देश के राजनीतिक हालात हैं उसे सभी देख रहे हैं. ऐसे में समय है सबको एकजुट रहने की.
हालांकि बीजेपी इस मुद्दे पर चुटीले अंदाज में विरोधियों पर निशाना साध रही है. बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह कहते हैं कि लगता है राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद तमाम रीजनल पार्टियां कांग्रेस को भी खत्म करना चाहती है. उन्हें ये मौका सबसे उपयुक्त लग रहा है. बहरहाल, सियासत का ये रंग आगे क्या गुल खिलाता है ये देखना दिलचस्प होगा. लेकिन, राहुल गांधी की सदस्यता जाने के बाद रीजनल पार्टियों के रुख पर देश की सियासत में बहुत कुछ निर्भर है.
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Tags: Bihar Congress, Bihar politics, CM Nitish Kumar, JDU news, JDU nitish kumar, Rahul gandhi, RJD
FIRST PUBLISHED : March 25, 2023, 17:30 IST