हाइलाइट्स
अगर पवन खेड़ा के लिए फौरन कांग्रेस एक्शन ले सकती है तो राहुल के लिए क्यों नहीं?: अनुराग
बीजेपी ने कहा इसमें बीजेपी का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है
अहमदाबाद. सूरत की एक अदालत ने भारत की न्यायपालिका की नींव को एक बार फिर प्रमाणित किया है कि भारत के प्रजातंत्र से ऊपर कोई नहीं है. एक सार्वजनिक सभा में देश के प्रधानमंत्री के लिए जाति सूचक शब्द का प्रयोग करने के मामले में सजा सुनाए जाने के बाद एक बार फिर सियासत गर्म है. इस मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने गुरुवार को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी, हालांकि 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी. अब शुक्रवार को उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है. इस पर बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस पर ही सवालों की बौछार कर दी. अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल को निपटाने वाले कौन हैं? अगर पवन खेड़ा के लिए कुछ ही घंटों में कांग्रेस एक्शन ले सकती है तो राहुल के लिए क्यों नहीं?
इस मामले को लेकर एक पिछड़े समाज के व्यक्ति ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. केस 2018 से चल रहा था. न्यायपालिका ने कल समाज में तनाव के फैलाने के आरोप में दो साल सजा सुनाई सुनाई. इसके पहले राहुल गांधी की मां सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहा था. न्यायपालिका ने अब इन्हीं गलब बयानों पर फ़ैसला सुनाया है. भारत के कानून के अनुसार किसी को दो साल की सजा होने पर उसकी सदस्यता चली जाती है और राहुल गांधी के साथ भी ऐसा ही हुआ. कपिल सिब्बल ने अदालती आदेश के बाद ही कह दिया था कि इनकी सदस्यता चली जाएगी. इससे पहले भी सजा होने के बाद कई सदस्यों की सदस्यता जा चुकी है.
इसमें बीजेपी का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं
इस मामले पर बीजेपी नेता धर्मेन्द्र प्रधान का कहना है कि इसमें पक्ष विपक्ष अपनी बात रख रहे थे. इसमें बीजेपी का कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है. केस की पूरी सुनवाई के बाद अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई है. उन्होंने कहा कि उनकी माता जी ने भी ‘मौत का सौदागर और जहर की खेती’ जैसे बयान दिए थे. पीएम मोदी ओबीसी समाज से आते हैं, इसलिए उन्हें नीचा दिखाने का काम किया है. इस फैसले से उन्हें राहत मिली है. कांग्रेस पार्टी चाहती है कि उनके परिवार के लिए अलग से IPC बने.
‘भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं’: अनुराग ठाकुर
राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘भगवान के घर देर है, लेकिन अंधेर नहीं. राहुल गांधी बोलते थे कि वो दुर्भाग्य से सांसद हैं. उससे उनको आज छुटकारा मिल गया.’ उन्होंने कहा राहुल गांधी ने अमेठी को लेकर कभी सवाल नहीं पूछा. एक भी प्राइवेट मेंबर बिल नहीं लाये. 2018 में लिखित माफी मांगी. 2019 में अभद्र भाषा बोली, क्योंकि वे अपने को कोर्ट के ऊपर मानते है. राहुल गांधी ने अध्यादेश फाड़ा था. कई बार झूठे बयान दिए हैं. पार्टी में कौन हैं जो राहुल गांधी से छुटकारा पाना चाहता है. राहुल कई मामलों में बेल पर बाहर हैं.
राहुल को निपटाने वाले कौन हैं?
अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल गांधी खुद को संसद से ऊपर समझते थे. राहुल को निपटाने वाले कौन हैं? अगर पवन खेड़ा के लिए कुछ ही घंटों में कांग्रेस एक्शन ले सकती है तो राहुल के लिए क्यों नहीं? क्या एक भी सही राय देने वाला कांग्रेस में नहीं बचा या जानबूझकर गलत सलाह दी गई. राहुल गांधी ने पहले ही अपनी पार्टी का अध्यादेश फाड़ दिया था. आज उन्हीं की पार्टी में से किसी ने खेल कर दिया और इन्हें पता नहीं चला.
7 जगह राहुल जमानत पर
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी 7 जगह जमानत पर हैं. बार-बार झूठ बोलने, अवमानना के लिए इन्हें बेल दी गई. वे एक आदतन अपराधी हैं. इन्हें ऐसा लगता था कि देश का कानून या कोई व्यक्ति कुछ कर नहीं सकता. इनके पास माफी मांगने के लिए 3 साल थे, लेकिन इन्होंने माफी नहीं मांगी.
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Tags: Anurag thakur, Congress politics, New Delhi news, Rahul gandhi
FIRST PUBLISHED : March 24, 2023, 19:30 IST