सूत्रों ने कहा कि यदि ऋणदाताओं ने अमेरिका स्थित इस कंपनी की तरफ से रखी गई मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वह समाधान प्रक्रिया से अलग हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक ओकट्री ने दिसंबर 2022 तक रिलायंस कैपिटल के वित्तीय विवरण मुहैया कराने की मांग रखी है। इसके साथ ही उसने नीलामी प्रक्रिया को चार सप्ताह यानी 31 जनववरी, 2023 तक टालने को भी कहा है।
इस संबंध में प्रतिक्रिया के लिए ओकट्री को भेजे गए एक ईमेल का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला।
हालांकि सूत्रों का कहना है कि रिलायंस कैपिटल के कर्जदाता बोली लगाने वालों की इस मांग को मानने के लिए तैयार नहीं हैं।
राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के अनुसार कर्जदाताओं को 31 जनवरी 2023 तक रिलायंस कैपिटल की कर्ज समाधान प्रक्रिया पूरी करनी है।