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रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस ने कीव पर बड़ा हमला किया, जिसमें 12 लोग मारे गए और 90 घायल हुए. ट्रंप ने पुतिन से हमले रोकने की अपील की और शांति समझौते का प्रस्ताव दिया, जिसे जेलेंस्की ने ठुकरा दिया.
रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर किया बड़ा हमला.
हाइलाइट्स
- रूस ने कीव पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, 12 मरे, 90 घायल
- ट्रंप ने पुतिन से हमले रोकने की अपील की, शांति समझौते का प्रस्ताव दिया
- जेलेंस्की ने ट्रंप का शांति प्रस्ताव ठुकराया, यूक्रेन के संविधान के खिलाफ
वॉशिंगटन/कीव: रूस और यूक्रेन युद्ध को तीन साल से ज्यादा हो गए हैं. इस बीच गुरुवार को रूस ने यूक्रेन पर मिसाइल और ड्रोन से एक बड़ा हमला किया. इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से कीव पर अटैक रोकने की अपील की. गुरुवार को कीव पर रूस ने अब तक के सबसे घातक हमलों में से एक को अंजाम दिया. इसके बाद ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, ”मैं कीव पर रूस के हमलों से खुश नहीं हूं. यह जरूरी नहीं था और इसका समय भी बहुत खराब था. व्लादिमीर, रुको! हर हफ्ते 5000 सैनिक मर रहे हैं. चलो शांति समझौता करें!’ ट्रंप ने यह भी दावा किया कि रूस का ‘पूरा यूक्रेन न कब्जाना’ रूस की ओर से एक ‘बड़ा रियायत’ है.
रूस के हमले में कीव में 12 लोग मारे गए और 90 घायल हुए, जिससे युद्ध और गहरा गया है. गुरुवार तड़के रूस ने कीव पर 70 मिसाइलों और 145 ड्रोनों से हमला किया, जो जुलाई 2024 के बाद सबसे घातक हमला था. यूक्रेन की आपातकालीन सेवाओं के मुताबिक, 13 जगहों पर नुकसान हुआ, जिनमें रिहायशी इमारतें और नागरिक ढांचे शामिल हैं. स्वियातोशिन जिले में एक मकान के मलबे में लोग फंसे हैं, और बचाव कार्य जारी है. कीव के मेयर विटाली क्लिट्स्को ने कहा, ‘हम मलबे को हाथ से हटा रहे हैं, क्योंकि नीचे लोग हो सकते हैं.’
शांति प्रस्ताव यूक्रेन को झटका
ट्रंप प्रशासन ने पेरिस में एक शांति प्रस्ताव पेश किया, जिसमें यूक्रेन से बड़ा बलिदान देने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि क्रीमिया रूस का हिस्सा माना जाएगा और यूक्रेन को रूस को बड़े क्षेत्र सौंपने होंगे. उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा, ‘सीमाओं को मौजूदा स्थिति में फ्रीज करना चाहिए.’ ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि रूस का ‘युद्ध रोकना’ और ‘पूरा यूक्रेन न लेना’ एक बड़ा समझौता है. लेकिन जेलेंस्की ने इसे ठुकरा दिया, क्योंकि यह यूक्रेन के संविधान के खिलाफ है.
यूरोप और एशिया की चिंता
ट्रंप के प्रस्ताव से अमेरिका के सहयोगी देश चिंतित हैं. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक एक यूरोपीय राजनयिक ने कहा, ‘अगर यूक्रेन को अपनी जमीन छोड़ने के लिए मजबूर किया गया, तो यूरोप या दुनिया का कोई भी देश सुरक्षित नहीं रहेगा, चाहे वह NATO में हो या नहीं.’ उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन बताया. एशियाई सहयोगी, खासकर चीन को लेकर चिंतित हैं. एक एशियाई राजनयिक ने कहा, ‘चीन देख रहा है. अगर रूस को उसकी हिंसा के लिए पुरस्कार मिला, तो यह खतरनाक संदेश होगा.’ यूरोपीय अधिकारी इस प्रस्ताव को नहीं मानेंगे, जिससे अमेरिका अलग-थलग पड़ सकता है. फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस के हमलों की निंदा करते हुए कहा, ‘पुतिन झूठ बोल रहे हैं. वह शांति की बात करते हैं, लेकिन बम बरसाते हैं.’