Home Life Style ‘रूममेट सिंड्रोम’ के शिकार हैं आप? 4 संकेतों से करें पहचान, इस तरह लौटेगा रिश्‍ते में रोमांस

‘रूममेट सिंड्रोम’ के शिकार हैं आप? 4 संकेतों से करें पहचान, इस तरह लौटेगा रिश्‍ते में रोमांस

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‘रूममेट सिंड्रोम’ के शिकार हैं आप? 4 संकेतों से करें पहचान, इस तरह लौटेगा रिश्‍ते में रोमांस

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Roommate Syndrome In Relationships: रूममेट सिंड्रोम एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे हल करने के लिए दोनों पार्टनर्स के प्रयास जरूरी हैं. अपनी भावनाओं को साझा करें, जुड़ाव को प्राथमिकता दें, और अपने रिश्ते को नई दिशा दें.

Roommate syndrome Causes and solutions: एक रिश्ते में प्यार और आकर्षण को बनाए रखना आसान नहीं होता. कई बार, अधिकतर लोगों की ये शिकायत है कि बरसों से साथ रहते-रहते कपल्स के बीच का रोमांटिक जुड़ाव धीरे-धीरे कम होने लगता है और रिश्ता महज एक रूम-पार्टनर या दोस्ती जैसा महसूस होने लगता है. इसे ही ‘रूममेट सिंड्रोम’ कहते हैं. इस सिंड्रोम के कारण रिश्ते में न केवल इमोशनल डिस्‍टेंस बढ़ता है, बल्कि आपसी बॉन्डिंग और कनेक्‍शन भी कमजोर हो जाता है. Image: Canva

जिम्मेदारियों का बंटवारा: रूममेट सिंड्रोम का पहला संकेत है कि कपल्स अपनी जिम्मेदारियों को साझा करने के बजाय उन्हें एक लेन-देन के रूप में देखना शुरू कर देते हैं. अगर घर के काम, बच्चों की देखभाल, या आर्थिक जिम्मेदारियों का सारा बोझ केवल एक पार्टनर पर है और दूसरा इसमें कम योगदान दे रहा है, तो यह रिश्ता तनावपूर्ण हो सकता है. टीमवर्क की कमी रिश्ते में ठहराव का पहला कारण बनती है. Image: Canva

भावनात्मक दूरी: कपल्स के बीच इमोशनल कनेक्‍शन यानी भावनात्मक जुड़ाव बहुत जरूरी है. जब पार्टनर एक-दूसरे से अपने डर, भावनाएं, या सपने साझा करना बंद कर देते हैं, तो यह भावनात्मक दूरी का संकेत हो सकता है. यह दूरी धीरे-धीरे रिश्ते को औपचारिक और ठंडा बना देती है, जिससे कपल्स का एक-दूसरे पर विश्वास कमजोर होने लगता है.

क्वालिटी टाइम की कमी: रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए एक-दूसरे के साथ समय बिताना जरूरी है. जब कपल्स अपने व्यक्तिगत कामों को साझा अनुभवों से अधिक महत्व देने लगते हैं, तो यह रिश्ते के लिए नुकसानदायक होता है. जैसे- साथ में फिल्म देखना, डेट नाइट्स या सैर पर जाना, ये सब रिश्ते में ताजगी लाने के लिए बेहद जरूरी हैं.

भविष्य की योजनाओं का अभाव: रिश्ते में साथ मिलकर भविष्य की योजना बनाना जुड़ाव का एक अहम हिस्सा होता है. जब पार्टनर्स भविष्य को लेकर बातचीत बंद कर देते हैं, तो यह संकेत है कि रिश्ते में दूरियां बढ़ रही हैं. लंबे समय तक ऐसी स्थिति बनी रहने से रिश्ते का रोमांटिक पहलू खत्म हो सकता है.

इन संकेतों को पहचानें और उपाय खोजें: रूममेट सिंड्रोम को पहचानना और इसे समय पर हल करना जरूरी है. इसके लिए सबसे पहले कपल्स को एक-दूसरे से खुलकर बात करनी होगी. अपनी भावनाओं को साझा करना और आपसी समस्याओं को समझना रिश्ते को बचाने की पहली कड़ी है.

इमोशनल डिस्‍टेंस बढ़ाने के लिए एक-दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताएं. अपने पार्टनर के साथ उनके शौक में हिस्सा लें और उनके सपनों को समझने की कोशिश करें. एक-दूसरे के लिए सरप्राइज प्लान करना और छोटी-छोटी चीजों में खुशी ढूंढना भी रिश्ते को मजबूत कर सकता है.

रिश्ते को फिर से जीवंत बनाने के लिए एक साथ यात्रा पर जाएं या कोई नया प्रोजेक्ट शुरू करें. इससे आपसी तालमेल बढ़ता है और रिश्ते में नई ऊर्जा आती है.

अपने रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करें. चाहे वह घर खरीदने की योजना हो, बच्चों की शिक्षा हो, या कोई और लक्ष्य, इन पर मिलकर काम करने से रिश्ते में स्थिरता और विश्वास बढ़ेगा.

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‘रूममेट सिंड्रोम’ के शिकार हैं आप? 4 संकेतों से पहचानें, ऐसे लौटेगा रोमांस

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