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रूस पर क्यों भारी पड़ने लगा यूक्रेन! क्या है वजह, ताकतवर रूसी मिसाइल ‘किंझल‘ को किया ढेर

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रूस पर क्यों भारी पड़ने लगा यूक्रेन! क्या है वजह, ताकतवर रूसी मिसाइल ‘किंझल‘ को किया ढेर

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रूस पर क्यों भारी पड़ने लगा यूक्रेन! क्या है वजह, ताकतवर रूसी मिसाइल ‘किंझल‘ को किया ढेर- India TV Hindi

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रूस पर क्यों भारी पड़ने लगा यूक्रेन! क्या है वजह, ताकतवर रूसी मिसाइल ‘किंझल‘ को किया ढेर

Russia Ukraine War News: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दौरान एक ऐसी घटना हुई, जिसने रूस को जंग लड़ने के लिए सोचने पर मजबूर कर दिया है। दरअसल, रूस ने अपनी सबसे ताकतवर मिसाइल ‘किंझल‘ से यूक्रेन की राजधानी कीव पर जोरदार हमला किया। रूस पे पहली बार यूक्रेन की राजधानी पर अटैक करने के लिए किंझल मिसाइल का उपयोग किया। रूस जानता था कि इस मिसाइल के अटैक से यूक्रेन बच नहीं पाएगा। लेकिन रूस ने जो नहीं सोचा था वो हो गया। यूक्रेन ने अमेरिका द्वारा दिए गए पैट्रियट डिफेंस सिस्टम से रूस की खतरनाक और एडवांस्ड हाइपरसोनिक मिसाइल ‘किंझल‘ को हवा में ही ढेर कर दिया। इस दावे से रूस सकते में आ गया। 

दरअसल, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन ने हाल के समय में यूक्रेन की ताकत को अपने सहयोग से और बढ़ा दिया है। यूक्रेन की एयरफोर्स से जो कारनामा किया है, उससे रूस का भड़कना निश्चित है। यूक्रेनी मिलिट्री को हाल ही में अमेरिका से पैट्रियॉट डिफेंस सिस्‍टम मिला है।

4 मई को हुआ था हमला, यूक्रेन ने किया नेस्तनाबूत

 

यूक्रेन की एयरफोर्स के कमांडर मायकोला ओलेाशचुक की मानें तो किंझल जैसी हाइपरसोनिक मिसाइल को यूक्रेन की राजधानी पर हमले से पहले ही ढेर कर दिया गया। उन्होंने बताया कि यह हमला 4 मई को हुआ था। यह भी पहली बार था जब यूक्रेन ने पैट्रियट डिफेंस सिस्‍टम का प्रयोग किया है। ओलेशचुक ने कहा कि केएच-47 मिसाइल को मिग-31 विमान से लॉन्‍च किया गया था। इस मिसाइल को रूस से फायर किया गया था और पैट्रियट मिसाइल ने इसे मार गिराया है।

जानिए किंझल मिसाइल के बारे में

यह रूसी हाइपरसोनिक मिसाइल है, जो काफी खतरनाक मानी जाती है, जिसका निशाना विध्वंस मचा देता है। इसकी गति आवाज से भी तेज है। किंझल मिसाइल रूस के एडवांस्ड हथियारों में से एक मानी जाती है। रूसी सेना के दावे के अनुसार हवा से लॉन्च की जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइल की रेंज 2000 किलोमीटर तक है। यह आवाज की गति से 10 गुना ज्‍यादा स्‍पीड से उड़ती है और इसे रोकना मुश्किल हो जाता है। हाइपरसोनिक स्‍पीड और इसके वॉरहेड मिसाइल को अंडररग्राउंड बंकर्स या पहाड़ी सुरंगों में छिपे टारगेट को नष्‍ट करने में सक्षम बनाता है।

पहले यूक्रेन ने यह दावा किया था कि उसके पास किंझल मिसाइल के अटैक को रोकने की क्षमता नहीं है। तब रूस ने दावा किया था कि अमरिकन पैट्रियट एक पुराना हथियार है, जबकि रूसी हथियार विश्व में सबसे बेहतर हैं। लेकिन किंझल का जो नतीजा निकला, उसने कुछ अलग ही कहानी रच दी। 

अमेरिका से अप्रैल में पैट्रियट की पहली डिलिवरी हुई थी यूक्रेन को

अमेरिका से अप्रैल के अंत में यूक्रेन को पैट्रियट मिसाइलों की पहली डिलीवरी मिली थी। अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो सका है कि यूक्रेनी मिलिट्री को कितने पैट्रियॉट सिस्‍टम मिले या फिर इसे कहां तैनात किया गया है। माना जा रहा है कि अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड्स ने यूक्रेन को यह सिस्‍टम दिए हैं।

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