Tuesday, September 3, 2024
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रोजगार की तलाश में नेपाल से आए यह पति-पत्नी, खोल दिया मोमोज स्टॉल, आज इस स्वाद के दीवाने हैं लोग


 रवि पायक/ भीलवाड़ा. भीलवाड़ा में इन दिनों स्वाद के दीवानों के बीच एक दंपति चर्चाओं में आ रहा है जो नेपाल से भीलवाड़ा आया तो रोजगार के लिए मगर उनके हाथों में कुछ ऐसा जादू था कि स्वाद के दीवानों के बीच चर्चा में आ गए और पति-पत्नी ने साथ मिलकर मोमोज का स्टार्टअप शुरू किया और देखते ही देखते लोगों की यहां भीड़ लगने लग गई. इसमें सबसे बड़ी खास बात यह है कि यह पति-पत्नी सिर्फ पनीर के मोमोज बनाते हैं और इनका मानना है कि नेपाल से ज्यादा यहां पर लोगों का प्यार उन्हें मिल रहा है.

नेपाल के रहने वाले और भीलवाड़ा शहर के एसके प्लाजा के निकट दुकान लगाने वाले मनोज कहते हैं कि हम दोनों पति-पत्नी करीब 1 साल पहले भीलवाड़ा में रोजगार की तलाश में आए थे मगर हमें कहीं पर कोई अच्छा रोजगार नहीं मिल पाया तो हमने सोचा क्यों ना नेपाल का स्वाद भीलवाड़ा के लोगों को दिया जाए तो हमने करीब 1 साल पहले मोमोज का स्टार्टअप शुरू किया. जिसमें हमने शुरुआती दौर में पनीर से मोमोज बनाना शुरू किया था जो लोगों को काफी पसंद आया और देखते ही देखे यहां पर लोगों की भीड़ लगने लग गई हम सिर्फ 5 घंटे अपनी मोमोज की दुकान लगाते हैं. जिसमें भी लोगों का अच्छा रुझान देखने को मिलता है.

मनोज बताते है कि हमारे पास मोमोज, पनीर मोमोज, पनीर रोल मोमोज सहित अलग-अलग प्रकार की मोमोज की वैरायटी है जो लोगों को काफी पसंद आते है और सबसे खास बात यह है इसमें की बड़ी-बड़ी मोमोज की दुकान के मुकाबले यहां पर मोमोज काफी सस्ते मिलते हैं. चौंका देने वाली बात यह है कि स्वाद दोनों में एक समान है यही बात लोगों का कहना है मैं और मेरी पत्नी दोनों मिलकर मोमोज बनाते हैं. जिस तरह पति-पत्नी के बीच एक अच्छा तालमेल होना चाहिए वही तालमेल हमारे मोमोज के स्टार्टअप में भी देखा जा सकता है. अगर पति-पत्नी के बीच अच्छा तालमेल नहीं हो तो कोई भी बिजनेस साथ में शुरू नहीं कर सकते.

मनोज ने बताया कि आमतौर पर देखा जाता है कि आदमी अकेला मोमोज बनाने का काम करता है और बेचता है मगर इस काम में मेरे साथ कंधे से कंधे मिलाकर मेरी पत्नी भी आगे बढ़ रही है और मुझे इस बात से काफी खुशी है कहीं ना कहीं हमें ऐसा लगता है कि नेपाल से ज्यादा रोजगार हमें यहां भीलवाड़ा में मिल रहा है. मैंने शुरूआती दौर में फैक्ट्री में भी काम किया मगर जिस तरह मुझे यहां पर लोगों का रुझान मिल रहा है तो मैं मोमोज में आगे बढ़ने का निर्णय लिया है और हम आने वाले दिनों में कई अलग-अलग प्रकार की और वैरायटी इसमें जोड़ेंगे.

वहीं दूसरी तरफ मोमोज खाने आये करण शर्मा का कहना है कि इन नेपाली भैया-भाभी जी के हाथों से बना मोमोज का स्वाद भीलवाड़ा में कहीं और कहीं पर नहीं देखा यही कारण है कि हम यहां पर रोजाना मोमोज खाने के लिए आते हैं और हम सभी दोस्त एक साथ मिलकर आते हैं. कहने को तो यह है नेपाल से आए हुए हैं मगर उनके हाथों का स्वाद एकदम इंडियन लगता है और मोमोज के स्वाद में उनके हाथों का कोई जवाब नहीं है.

Tags: Food, Food 18, Hindi news, Local18



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