Home Life Style लकड़ी की भट्टी पर बनने वाली इस अनोखी जलेबी ने मचाई धूम, चंद दिनों में लोग हुए इसके स्वाद के दीवाने

लकड़ी की भट्टी पर बनने वाली इस अनोखी जलेबी ने मचाई धूम, चंद दिनों में लोग हुए इसके स्वाद के दीवाने

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लकड़ी की भट्टी पर बनने वाली इस अनोखी जलेबी ने मचाई धूम, चंद दिनों में लोग हुए इसके स्वाद के दीवाने

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मोहित शर्मा/ करौली. जोधपुर का पंछीराम जलेबी का एक ऐसा स्वाद लेकर करौली आया है. जिसकी जलेबियों ने अपने बेहतरीन और अनोखे स्वाद से चंद दिनों में ही शहरवासियों को अपनी जलेबी के स्वाद का दीवाना बना लिया है. 1 महीने के अंदर ही इस जलेबी का स्वाद लोगों की जुबां पर कुछ ऐसा चढ़ा है कि लोग अपने शहर में मिलने वाले दर्जनों प्रकार के जलेबी के स्वाद को मानों भूल से गए हैं.

पंछीराम की जलेबी की एक खास बात यह है कि यह लोगों को रात में गरमा गरम जलेबी का आनंद दिला रही है. क्योंकि करौली में जलेबी का स्वाद रात के बजाय केवल दिन में ही कचौड़ी के साथ सीमित समय तक मिल पाता है. मगर करौली वासियों को पहली बार जलेबी का स्वाद देर रात चौराहे पर, वो भी कड़ाई से उतरती गरमा गरम और मीठे रस में डूबी जलेबी यहाँ मिल रही है.

करौली की सारी जलेबी इनके आगे फेल :

देर रात पहली बार इस जलेबी को खाने पहुंचे राहुल पाराशर का कहना है कि वाकई में यह जलेबी बहुत शानदार है. करौली में तो हमने ऐसी जलेबी कभी नहीं खाई. इसे चखने के बाद पता लगा कि यह जलेबी स्पेशल है. जो जोधपुर से आई है. उनका ऐसा कहना है कि इस जलेबी का भाव सस्ता होने के कारण, लोगों को जरूर ऐसा लगेगा कि सस्तेपन के कारण इस जलेबी में क्वालिटी ना हों. लेकिन इसका स्वाद ₹120 में ही ₹400 के बराबर है. जोधपुर की इस जलेबी के आगे करौली की सभी जलेबी फेल है.

छोटे आकार में विचित्र हैं इसका स्वाद :

10 दिन पहले आई इस जलेबी का करीब 5 दिन से नियमित स्वाद ले रहें राजेश कुमार शर्मा बताते हैं कि यह जलेबी बहुत ही स्वादिष्ट और मजेदार है. करौली में भी जलेबी दिन में कई जगहों पर मिलती है. लेकिन इस जलेबी की मिठास और इसका छोटा आकार जैसा स्वाद करौली में कहीं पर भी नहीं मिल पाता. वह बताते हैं की सबसे अच्छी बात तो यह हैं कि करौली में यह जलेबी रात तक भी गरमा गरम स्वाद के साथ मिल रही है.

लकड़ी की भट्टी पर बनती है यह जलेबी :

जोधपुर से 10 दिन पहले करौली में जलेबी के स्वाद को लेकर आए पंछीराम का अपने अनोखे जलेबी के स्वाद के बारे में कहना है कि हम जलेबी को लकड़ी की भट्टी पर बनाते हैं और इसी भट्टी पर इनके लिए चासनी तैयार करते हैं. इसलिए करौली वासी हमारी जलेबी को पसंद करने के साथ जलेबी गरम-गरम मिलने के कारण देर रात तक खाने आ रहे हैं. उनका कहना है कि अनजान शहर में भी हमारी जलेबी का स्वाद अच्छा होने के कारण लोग इसे काफी पसंद कर रहे हैं. सुबह 11:00 बजे से रात के 10:00 तक हमारी कम से कम 60 से 70 किलो जलेबी बिक जाती है. पंछीराम के मुताबिक इस जलेबी का भाव ₹120 किलो है.

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