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लखनऊ में गोमती नदी के किनारे लक्ष्मण टीला स्थित शेष नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा अर्चना की मांग को लेकर दायर सिविल वाद की पोषणीयता के आदेश को चुनौती देने वाली सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की निगरानी याचिका को अपर जिला जज नरेंद्र कुमार ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने सिविल जज जूनियर डिवीजन साउथ के 6 सितंबर 2023 के आदेश को सही बताते हुए पुष्टि कर दी है।
जूनियर डिवीजन साउथ की अदालत में सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव नृपेंद्र पांडे, अनीता देवी, धीरेंद्र सिंह, मोहित कुमार सक्सेना, अभिषेक मिश्रा, रवि कुमार राय, सर्वेश कुमार एवं वैभव सिंह नायक ने सिविल वाद दायर कर आरोप लगाया था कि वह लक्ष्मण टीला स्थित लॉर्ड नागेश टीलेश्वर महादेव मंदिर स्थल पर हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए गए थे। तब वहां पुलिस एवं जिला प्रशासन के अलावा कथित टीले वाली मस्जिद के इमाम ने आपत्ति की थी।
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पूजा अर्चना की मांग को लेकर नृपेंद्र मिश्रा सहित अन्य याचीगणों की ओर से सिविल जज जूनियर डिवीजन साउथ की अदालत में 31 मई 2022 को सिविल वाद दायर किया गया था। इस वाद को सिविल जज जूनियर डिवीजन साउथ पीयूष भारती ने 15 फरवरी 2023 को सुनवाई योग्य मानते हुए विपक्षी यूनियन ऑफ़ इंडिया, राज्य सरकार ,भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर एवं सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड के मौलाना अब्दुल मन्नान को नोटिस जारी की थी। अदालत ने इस मामले को सुनवाई के लिए 15 मार्च की तिथि नियत की थी।
नोटिस जारी किए जाने के बाद सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड की ओर से मौलाना कारी सैय्यद शाह, फजलुल मन्नान, इमाम मुल्तवी एवं सज्जाद नशीन वक़्फ़ मस्जिद टीलाशाह पीर मोहम्मद की ओर से आपत्ति दाखिल कर वाद की पोषणीयता को चुनौती देते हुए वाद को खारिज किए जाने की मांग की थी। परंतु अदालत ने सुन्नी सेंट्रल वर्क बोर्ड की ओर से दाखिल आपत्ति को 6 सितंबर 2023 को खारिज कर दिया था। सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड की ओर से 6 सितंबर 2023 के आदेश को सिविल निगरानी याचिका के माध्यम से जिला जज के समक्ष चुनौती दी गई थी।
निगरानी के विरोध में कहा गया था कि टीलेश्वर महादेव मंदिर को विधि विरुद्ध तरीके से तोड़कर वहां पर टीले वाली मस्जिद के नाम से दर्शित करने का प्रयास किया गया है। यह भी कहा गया कि निगरानी कर्ता के इस प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी जो खारिज की जा चुकी है। जिसके कारण निगरानी याचिका पोषणीय नहीं है। यह भी कहा गया मस्जिद की दीवार के बाहर शेष नागेश पाताल एवं टीलेश्वर महादेव के अलावा अन्य मंदिर भी मौजूद हैं। अदालत ने निगरानी याचिका को खारिज करते हुए सिविल कोर्ट को आदेश दिया है कि वह मामले की अग्रिम सुनवाई प्रारंभ करें।