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रिपोर्ट – अंजू प्रजापति
रामपुर. भारतीय संस्कृति में भोजन के बाद पान खिलाने का चलन सदियों से रहा है. आज भी देशभर में पान खाना शौकीनों का शगल है. पान सिर्फ़ किसी दुकान या चौराहे पर ही नहीं, बल्कि घरों में भी खाया जाता है. घरों में इसके लिए बकायदा पानदान रखे जाते थे, आज भी दिख जाते हैं. साथ में सरौता रहेगा, जो सुपारी काटने के काम आता है. पान खाने के साथ बतकही की परंपरा देश के अलग-अलग इलाकों में है. कई शहरों में लोग पान का सेवन त्योहारों, परंपराओं, माउथ फ्रेशनर और औषधिय गुणों के लिए करते हैं. लेकिन रामपुर में शाहाबाद गेट ईदगाह चौराहे पर बना पान-जोन शौकीनों का ठिकाना है.
जी हां, ईदगाह चौराहे पर स्थित पान-जोन में रोजाना सैकड़ों शौकीनों की भीड़ जुटती है. पान दुकानदार अफजल लोकल18 को बताते हैं कि 12 साल पहले उन्होंने ये दुकान खोली थी. छोटी दुकान थी. फिर ख्याल आया कि क्यों नहीं ओरिजिनल फ्लेवर के पान लोगों को खिलाया जाए. बस यह फॉर्मूला चल निकला. खास बात ये है कि यहां क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाता है. अफजल कहते हैं कि हमारे पान की डिमांड दूर दूर तक है. हमने दुबई तक पान पार्सल किया है. रामपुर से बाहर जाने वाले लोग यहां से पान लेकर जाते हैं. रोजाना रुद्रपुर के लिए बसों में रखकर पान पार्सल किया जाता है. दिल्ली-हल्द्वानी तक रामपुर का ये पान बेहद मशहूर है.
30 से अधिक वैरायटी के पान
लोकल18 से बातचीत के दौरान अफजल बताते हैं कि पान की कीमत मुनासिब रखी गई है. यहां 15 रुपए में पान मिल जाता है, वहीं 250 रुपए तक के पान भी बेचे जाते हैं. इस दुकान पर आपको 30 से अधिक वैरायटी के पान मिल जाएंगे. सबसे अधिक मशहूर चॉकलेटी पान है. इसके अलावा बोलती बंद पान, होठों पर मुस्कान पान, लबों पर लाली पान, इश्क-ए-बहार पान, आदाब पान, रसभरी पान, स्ट्रॉबेरी पान, मैंगो पान, पाइनएप्पल पान, बटर स्कॉच पान, ऑरेंज पान जैसी कई वैरायटी यहां मिलती है.
घर का बनाया गुलकंद करते हैं इस्तेमाल
अफजल ने लोकल18 को बताया कि पान-जोन में आने वाले लोगों को ओरिजिनल फ्लेवर का पान मिले, इसके लिए वह घर पर ही गुलकंद तैयार करते हैं. यह किसी भी तरह से सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाता. देशी गुलाब की पंखुड़ियों में चीनी मिलाकर उसे कम से कम एक-डेढ़ महीने तक ड्रम में बंद रखते हैं. इसके बाद यह गुलकंद तैयार होता है. इसके साथ जब लोग पान खाते हैं, तो यहां का फ्लेवर कभी नहीं भूल पाते.
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Tags: Food, Local18, Paan Farming, Rampur news
FIRST PUBLISHED : March 7, 2024, 13:40 IST
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