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अनिल राठी/फरीदाबाद: खाने-पीने के तो सभी शौकीन होते हैं, लेकिन स्वादिष्ट खाना बनाना और दूसरों को खिलाना एक कला है. यही कला, लोगों का दिल जीत लेती है और यही कला लोगों को जमीन से आसमान पर पहुंचा देती है. इसका जीता जागता उदाहरण है दीपक तेवतिया का फूड वैन से लेकर लग्जरी ढाबे तक का सफर. यह सफर खास इसलिए भी है क्योंकि जब दुनिया में कोरोना के बाद रेस्टोरेंट और ढाबे बंद हो चुके थे, तब दीपक ने अपने ढाबे की शुरुआत की थी.
दीपक ने फरीदाबाद में करीब 6 साल पहले फूड वैन के साथ अपने बिजनेस की शुरुआत की थी. बताया, जवानी के दिनों में जहां नौजवान घूमने-फिरने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं, उन्होंने उन दिनों में जीतोड़ मेहनत करके फूड वैन को चलाया, लेकिन कोरोना में काम रोकना पड़ा. लॉकडाउन में जहां एक ओर लोगों के बिजनेस बंद हो रहे थे, तब उन्होंने इस ढाबे की शुरुआत की. लोगों ने जितना प्यार फूड वैन को दिया था, उतना ही प्यार अब ढाबे के बने खाने को भी दे रहे हैं.
4 फीट का डोसा और डेढ़ फीट का पराठा
दीपक के इस ढाबे की एक और खासियत है जिसके कारण देश भर के फूड ब्लॉगर उनके ढाबे पर खिंचे चले आते हैं. दीपक के अंबर ढाबे पर मिलने वाला 4 फीट का डोसा और डेढ़ फीट का पराठा बेहद स्वादिष्ट है. लोग इन दोनों स्पेशल डिश को खाने के लिए यहां खासतौर पर दूर-दूर से आते हैं. कीमत की बात की जाए तो 4 फीट के एक डोसे की कीमत ₹300 रखी गई है, जो की फूल पैसा वसूल है. क्योंकि 300 रुपये के इस डोसे को आराम से 3-लोग 4 खा सकते हैं. वहीं डेढ़ फीट के पराठे को खाकर दो लोग आराम से अपना पेट भर सकते हैं.
संघर्ष और स्वाद के लिए फेमस
दीपक की मानें तो उनके 9 साल के संघर्ष भरे इस जीवन में अब जाकर वह ऐसे मुकाम पर पहुंचे हैं, जहां उन्हें लोग उनके संघर्ष और स्वाद के लिए जानते हैं. इस ढाबे की डेकोरेशन से लेकर मेन्यू तक सब कुछ दीपक ने अपने आप किया है. दीपक क कहना है कि अब बस वह इतना चाहते हैं कि लोगों का अपने ढाबे के स्वाद में विश्वास बनाए रखें और अंबर ढाबे को इससे भी आगे के मुकाम पर ले जाएं.
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Tags: Faridabad News, Food 18, Local18, Street Food
FIRST PUBLISHED : August 13, 2023, 20:40 IST
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